ताजा खबरे
‘एक देश एक धड़कन’ अभियान के अंतर्गत ‘काव्य संध्या’ का आयोजन ** कैरियर प्रदर्शनी आयोजितलव जिहाद में फंसकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा गिरफ्तारमुख्यमंत्री को चाय की चाह ने रोका, चाय की चुस्की के साथ की चर्चा, करणी माता मंदिर में किए दर्शनमुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के काफिले के सामने कांग्रेस का प्रदर्शन, तख्तियां लहराईमुख्यमंत्री शर्मा का बीकानेर नाल एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने किया स्वागतविश्व की सबसे छोटी गाय भारत मे, दुर्लभ नस्ल की गाय खतरे में!राजमाता बाघेलीजी सुदर्शना कुमारीजी ऑफ बीकानेर ट्रस्ट ने जनहितार्थ 31.34 लाख रु. का सहयोग किया1580 करोड़ की GST चोरी, 9 ठिकानों पर रेड, दो गिरफ्तारभाजपा नयाशहर मण्डल की कार्यकारिणी की घोषणादेश व दुनिया की प्रमुख खबरें, Headlines News
IMG 20241101 132226 घोड़ी कूदी और पासों का खेला : सैंकड़ो वर्षों से बीकानेर में जुए की भी परम्परा Bikaner Local News Portal देश
Share This News

Thar पोस्ट। बीकानेर में दीपावली पर सैकड़ों वर्षों से परम्परा के नाम पर जुआ खेला जाता है। परकोटे में इसे शगुन माना जाता है। हालांकि दीपवाली के अगले दिन सन्नाटा पसर जाता है। केवल परम्परा के तौर पर जुआ खेलने वाले इतने शातिर है कि एक आंख पैसों और खेल पर तो दूसरी आंख पुलिस की और रहती है। जुआ खेलते समय अगर गलती से भी पुलिस आ जाए तो जुआरी रफ्फू चक्कर हो जाते है। शहर के अलग-अलग स्थानों पर बैंक, फर्री, माताजी और पासों पर खेल जारी है। खिलाड़ी अलसुबह से देर रात तक -खेलो है क्या ? की आवाज देते हुए ही दिखाई देते हैं। दीपावली से करीब एक सप्ताह पहले ही यह जुआ शुरू हो जाता है  ईमानदारी के साथ जुआ खेला और खिलाया जाता है लेकिन केवल दीपावली तक। बाकायदा इसके लिए एक कैशियर भी पैसों का लेनदेन करताा है। हालांकि पुलिस को इस जुए की जानकारी होती है लेकिन परंपरा के नाम पर चलने वाले इस जुए को लेकर कोई कार्रवाई नही होती।


Share This News