Tp न्यूज। विभिन्न 32 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है। जिले में जिप्सम, बजरी, बाॅलक्ले, मेसनरीस्टोन, लाईमस्टोन आदि के कुल 284 खननपट्टा व 272 जिप्सम परमिट प्रभावशाली है।
खनिज अभियन्ता रामनिवास मंगल ने बताया कि बाॅर्डर सीमा से 1 किमी दूरी तक कोई खनन पट्टा व जिप्सम परमिट प्रभावशाली नहीं है। उन्होंने बताया कि बाॅर्डर सीमा से 1 से 10 किमी तक क्षेत्र में खनिज जिप्सम के 6 खनन पट्टा व खातेदारी भूमि में 105 जिप्सम परिमिट प्रभावशाली है। उक्त 6 खननपट्टों में पर्यावरण अनापत्ती व कन्सेंट टू आॅपरेट प्राप्त कर पट्टाधारी द्वारा खनन कार्य किया जा रहा है। जिप्सम परमिट के संबंध में भू वैज्ञानिक शाखा की रिपोर्ट प्राप्त कर कार्यवाही की जाती है। जिले में खनिज जिप्सम जमीन की सतह पर ही पाया जाता है। खातेदारी भूमि में जिप्सम परमिट आवदेन पत्रों का नस्तिारण राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियामवली 2017 के नियम 52(3) के तहत जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा जांच उपरान्त किया जाता है। जिप्सम परमिटधारी को पाबन्द किया जाता है कि स्वीकृत क्षेत्र में सतह से दो मीटर गहराई तक जिप्सम निकालेगा। जिले में अधिकांशतः खनिज जिप्सम एक्सक्वेटर के माध्यम से ट्रक द्वारा निर्गमन किया जाता है। विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष से आज तक खनिज जिप्सम के अवैध खनन के कुल 147 प्रकरण बनाये जाकर शास्ती राशि 103.33 लाख वसूल की गई है तथा 32 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफ.आई.आर. करायी गयी है।
खनिज विभाग के सहायक अभियन्ता कोलायत, तकनीकी स्टाफ राजस्व विभाग के तहसीलदार बज्जू, पटवारी के साथ बीएसएफ की अन्नेवाली व सतपाल बाॅर्डर चैकपोस्ट पर पहुंचे। मौका रिपोर्ट अनुसार मौके पर उपस्थित बीएसएफ के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बोर्डर चैकपोस्ट से 1 किमी के क्षेत्र में किसी प्रकार की खनन गतिविधियां संचालित नहीं होती है। बोर्डर क्षेत्र से 1 किमी के बाहर चल रहे खनन गतिविधियों में कार्यरत व्यक्ति की आईडी चैक की जाती है। मौके पर यह भी अवगत कराया कि बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी गंभीरता से लिया जा रहा है तथा क्षेत्र में खान विभाग की टीम द्वारा नियमित चेकिंग की जा रही है।