Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। केंद्रीय कारागृह के बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी ‘आशायें’ का उद्घाटन शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अतुल कुमार सक्सेना, जिला कलक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि तथा पुलिस अधीक्षक श्री कावेंद्र सागर ने किया।
प्रदर्शनी में लोहे का पीढ़ा, हैंडमेड पेंटिंग, मसाले, इको फ्रेंडली पेन, कपड़े, कुर्ते, लोहे के चूल्हे, दरियां, फिनायल और सीख झाड़ू आदि प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए रखा गया।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सक्सेना ने कहा कि केंद्रीय कारागृह प्रशासन द्वारा बंदियों के हुनर को पहचानते हुए उन्हें स्वालंबी बनाने का प्रयास किया गया है। यह उनके पुनर्वास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि कारागृह प्रशासन द्वारा किया जा रहे नवाचार समाज के लिए नजीर है।
जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने कहा कि बंदियों के समय का सदुपयोग हो तथा वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें, इसके मद्देनजर यह पहल की गई है।
कारागृह अधीक्षक श्रीमती सुमन मालीवाल ने कहा कि सभी बंदियों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसकी आमदनी का 25 प्रतिशत हिस्सा उनके पीड़ित पक्ष को मिलेगा। समाज में लौटने पर यह बंदी कौशल के साथ मुख्यधारा से जुड़ेंगे।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती मांडवी राजवी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेश कुमार सहित पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस विभाग के श्री कैलाश सांदू, श्री कुलदीप और श्री धीरेन्द्र सहित अन्य अधिकारियों ने बंदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद क्रय किए। लगभग दो घंटे में प्रदर्शनी का समूचा समान विक्रय हो गया।
केंद्रीय कारागृह के बंदियों के म्यूजिकल बैंड ने दी पहली प्रस्तुति, मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
केंद्रीय कारागृह ने पहचाना बंदियों का हुनर, जुड़ सकेंगे मुख्य धारा से: जिला कलेक्टर
बीकानेर। केंद्रीय कारागृह के बंदियों के म्यूजिकल बैंड ‘आशायें-द जेल बैण्ड’ ने शुक्रवार को रवींद्र रंगमंच पर अपनी पहली प्रस्तुति दी।
संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी और जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि सहित जिले के प्रमुख अधिकारियों और आमजन के बीच लगभग एक घंटे की इन प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बंदियों ने राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत गीतों की शानदार और मनमोहक प्रस्तुतियां दी। वहीं राजस्थान की सुरंगी संस्कृति से जुड़े मधुर लोक गीत भी प्रस्तुति दी। बंदियों ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, कभी अलविदा ना कहना, मिसरी रो बाग, हरियो पोदीणो जैसे गीतों की प्रस्तुतियां देकर शमां बांध दिया।
जिला कलेक्टर ने कहा कि केंद्रीय कारागृह ने बेहतरीन नवाचार करते हुए बंदियों के हुनर को पहचाना है। इससे बंदियों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगेगी और ये एक बार फिर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे।
जेल अधीक्षक श्रीमती सुमन मालीवाल ने बताया कि राजस्थान जेल विभाग के महानिदेशक श्री गोविंद गुप्ता के मार्गदर्शन में यह पहल की गई है। केंद्रीय कारागृह द्वारा बंदियों के हुनर को तराशने के उद्देश्य से इन्हें गीत-संगीत का प्रशिक्षण दिया गया। इनके द्वारा भविष्य में निजी और सरकारी क्षेत्रों के कार्यक्रमों में प्रस्तुतियां दी जाएंगी। यह प्रयास इन कैदियों के जीवन में उम्मीद की नई किरण लाएगा। उन्होंने बताया कि इन कैदियों के लिए आवश्यक साजो समान और ड्रेस मोदी डेयरी द्वारा उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही इन्हें तीन माह का विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया गया।
कार्यक्रम में यूआईटी सचिव अर्पणा गुप्ता, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहनलाल, प्रशिक्षु आईएएस अवुला साईं कृष्णा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) रमेश देव, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र शर्मा सहित पुलिस और प्रशासन के अधिकारी और आमजन मौजूद रहे।