


Thar पोस्ट न्यूज जयपुर। एक बार फिर राजस्थान के ज्यादातर बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा। सूबे की सरकार बिजली बिल बढ़ाने की तैयारी में है। बिजली कंपनियों ने राज्य विद्युत विनियामक आयोग (एसईआरसी) में टैरिफ याचिका दायर की है। इसमें सभी खर्चो और घाटे को शामिल किया गया है। टैरिफ में कम से कम बिजली उपभोग शुल्क 6 रुपए प्रति यूनिट करना प्रस्तावित कर दिया है। जो अभी न्यूनतम 4.75 रुपए प्रति यूनिट है। इसका प्रभाव सभी श्रेणी के उपभोक्ता पर पड़ेगा।



पहली बार सभी उपभोक्ताओं पर 1 रुपए प्रति यूनिट रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया जाएगा। इसके जरिए बिजली कंपनियां अपने रेगुलेटरी एसेट के करीब 53 हजार करोड़ रुपए वसूलेगी।
बेस फ्यूल सरचार्ज की राशि समायोजित होगी और जो बकाया पैसा बचेगा, वह लिया जाएगा। इसके पीछे केंद्र सरकार के निर्देशों का हवाला दिया गया। इसी तरह इंडस्ट्री के अलावा अब घरेलू और कमर्शियल श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी टीओडी (टाइम ऑफ द डे) में शामिल किया जाएगा। इनमें 10 किलोवाट से ज्यादा लोड श्रेणी वाले वे उपभोक्ता (कृषि के अलावा) होंगे, जिनके स्मार्ट मीटर लगा है। इनमें सरचार्ज और रिबेट की तीन अलग-अलग श्रेणी बनाई गई है।
कंपनियों ने ज्यादातर घरेलू श्रेणी में एनर्जी चार्ज कम करने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए उनका दावा है कि फिक्स चार्ज बढ़ाना और अन्य सरचार्ज लगाना प्रस्तावित किया है, उसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। आयोग ने आमजन से इस पर आपत्ति-सुझाव मांगे हैं। जनसुनवाई के बाद याचिका पर निर्णय होगा।
औद्योगिक इकाइयां, जिनका लोड फैक्टर 50% से ज्यादा रहता है, उन्हें अभी एनर्जी चार्ज में 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट दी जा रही है। इस रिबेट को खत्म करना प्रस्तावित किया गया है। हालांकि, सामान्य मामलों में एनर्जी चार्ज 7.30 रुपए से घटाकर 6.50 रुपए किया जाएगा।
अभी जो नई इंडस्ट्री शुरू हो रही है, उन्हें 55 और 85 पैसे प्रति मिनट तक छूट दे रहे हैं। इनमें मध्यम और बड़ी दोनों तरह की इंडस्ट्री शामिल है। अब यह छूट घटाकर 20 और 30 पैसे यूनिट की जानी है।




