


Thar post, बीकानेर, 25 नवंबर। शिक्षा मंत्री डॉ.बी. डी. कल्ला 30 नवंबर को श्रीगंगानगर से रेल मार्ग द्वारा प्रस्थान कर रात्रि 11.10 बजे बीकानेर पहुंचेंगे। शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला 1 व 2 दिसंबर को स्थानीय कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे तथा 2 दिसंबर को रात्रि 11:20 बजे रेल मार्ग द्वारा बीकानेर से जयपुर प्रस्थान करेंगे।



विधिक संगोष्टि का आयोजन “संवैधानिक संस्थाओं का अवमूल्यन वर्तमान परिपेक्ष
Thar post अधिवक्ता परिषद राजस्थान बीकानेर ईकाई द्वारा स्वतंत्रता सेनानी पं.दाऊदयाल आचार्य एडवोकेट के जन्म शताब्दी वर्ष एवम संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर आनंद निकेतन बीकानेर में विधिक संगोष्टि का आयोजन “संवैधानिक संस्थाओं का अवमूल्यन वर्तमान परिपेक्ष -रखा गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधिकारी श्री माणक मोहता ने संविधान की प्रस्तावना को संविधान की आत्मा बतलाते हुए प्रस्तावना की व्याख्या पर प्रकाश डाला। संवैधानिक संस्थाओं का गठन, उद्देश्य उनकी क्रियाकलाप व संवैधानिक संस्थाओं के 20 प्रकारों व उनके अनुच्छेदों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान कोडिफाइड है, विश्व का सर्वश्रेष्ट संविधान है संविधान में मौलिक अधिकार व मॉलिक कार्य निहित है। इस परिचर्चा में सिटिजन व व्यक्ति शब्द की महत्ता पर प्रकाश डाला।
श्री मोहता ने संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव को अनुचित माना।
श्रीमोहता ने आचार्य जी के सानिध्य में रहकर राजस्व कानूनों की उनकी वकालत की तारिफ की। श्री मोहता ने इस अवसर पर पं. आचार्य पर लिखे स्मृतिग्रंथ के लेखक डॉ राजशेखर जी पुरोहित का सम्मान दिया गया।
इससे पुर्व अधिवक्ता राधेश्याम सेवक ने पं० दाऊदयाल आचार्य के जीवन परिचय व उनके स्वतंत्रता सेनानी काल में उनके द्वारा सहन की गयी यातनाओं व आदर्श अधिवक्ता के रूप में परिचय कराया। एडवोकेट सत्यपाल सिंह शेखावत ने संवैधानिक संस्थाओं पर आक्षेपों के उदाहरण प्रस्तुत कर आज के कार्यक्रम के विषय का परिचय करवाया।
कुलदीप शर्मा, बार काऊसिल सदस्य राजस्थान ने अधिवक्ता के अधिवक्ता के कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए पं. दाऊदयाल आचार्य के आदर्श वकालत पर उद्हरण प्रस्तुत किये। पंडित आचार्य के ज्येष्ट पुत्र व वरिष्ठ अधिवक्ता ओम आचार्य ने गैरसरकारी संस्थाएं गैर संवैधानिक संस्थाओं व संवैधानिक संस्थाओं के गठन बार प्रकाश डाला सवैधानिक संस्थाओं के ऊपर आक्षेप को गैर लोकतांत्रिक बताया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष बार एशोसियन बीकानेर के अध्यक्ष कमलनारायन पुरोहित व कार्यक्रम के सभापति मुमताज अली ने उपस्थित सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त कर अधिवक्ता परिषद द्वारा परिचर्चा की विषय वस्तु को राष्ट्रीय कार्यक्रम की संचालन अविनाश यास एडवोकेट ने किया।

अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर संगोष्ठी

Thar post बीकानेर के शास्त्री नगर कार्यालय में ह्यूमन राइट इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई।संस्थान के डायरेक्टर गुलाब सोनी ने कहां कि पूरे विश्व में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है क्योंकि आज भी 3 मे से1 महिला हिंसा का शिकार हो रही है। संस्थान की नेशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर डॉ.अर्पिता गुप्ता ने कहा कि हमारे देश व समाज के विकास में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है पर अभी भी कुछ प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी है जो बदनामी के भय, अज्ञानता व शिक्षित ना होने के कारण अपने साथ हो रहे अत्याचारों व हिंसा के प्रति आवाज़ नहीं उठा पाते| भविष्य में ऐसा ना हो व उन्हे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से संस्थान द्वारा परामर्श केंद्र के शुरुआत करने पर सदस्यों की सहमति बनी। संस्थान के सेक्रेटरी सुरेंद्र जोशी ने कहा की महिलाओं को शिक्षित करने, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने व आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम भी पूर्व की तरह संस्थान द्वारा आयोजित होते रहेंगे।
मुख्य वक्ता आशीष गर्ग ने बताया महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव खत्म करने के लिए लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है संस्थान के कोऑर्डिनेटर सौरभ बंसल ने बताया कि हिंसा को रोकने के लिए लड़कियों के साथ महिलाओं को भी आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिए, जिसके लिए भविष्य में संस्थान द्वारा कैंप का भी आयोजन किया जाएगा
पुखराज मेघवाल ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा मानव अधिकारों का उल्लंघन है जिसके लिए महिलाओं से संबंधित सामाजिक कुरुतियों को दूर करना भी आवश्यक है।





