Thar पोस्ट, बीकानेर। प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन का महत्व है।कार्तिक अमावस्या तिथि पर महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को कहा जाता है। यह समय लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम और श्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए।
दिवाली 2021 लक्ष्मी-गणेश पूजा मुहूर्त: (Diwali 2021 Laxmi Ganesh Pujan Muhurat Time)
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त- 06:10 PM से लेकर 08:06 PM तक
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 05:35 PM से 08: 10 PM तक
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:38 PM से 12:30 AM तक।
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे।
लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AMलक्ष्मी पूजा विधि: (Diwali 2021 Laxmi Puja Vidhi) दिवाली पर लक्ष्मी पूजा वैसे तो दिवाली पर माता लक्ष्मी के स्वागत और पूजा-आराधना के लिए तैयारी बहुत पहले से ही कल ली जाती है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन पर घर में रिद्धि-सिद्धि के साथ सुख,संपन्नता और धन दौलत का प्रवेश होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के साथ भगवान गणेश, देवी सरस्वती, कुबेर और हनुमान जी की भी विशेष पूजा की जाती है।