Thar पोस्ट, न्यूज। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पीठासीन अिधकारी पृथ्वीपालसिंह ने 12 साल पहले प्राइवेट नर्सिंग होम में अल्ट्रासाउंड मशीन का लाइसेंस देने के बदले 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते तत्कालीन सीएमएचओ और बिचौलिए को तीन-तीन साल की सजा और 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। परिवादी अरुण कपूर ने 10 अक्टूबर, 11 को एसीबी में रिपोर्ट दी थी कि रानीबाजार में राजस्थान नर्सिंग होम उसकी पत्नी डॉ. नीता कपूर के नाम है। नर्सिंग होम में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने के लिए लाइसेंस लेना था जिसकी पत्रावली लंबित थी। सीएमएचओ प्रेमरतन वाल्मिकी ने भौतिक सत्यापन करने के बाद बिचौलिए अब्दुल गफ्फार के जरिये 50,000 रुपए रिश्वत मांगी। सौदा 40,000 रुपए में तय हो गया। एसीबी ने 11 अक्टूबर को शिकायत का सत्यापन करवाया और बिचौलिए अब्दुल गफ्फार को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने 11 अक्टूबर को शिकायत का सत्यापन करवाया और बिचौलिए अब्दुल गफ्फार को 40,000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। यह रािश उसने तत्कालीन सीएएचओ डॉ. प्रेमरतन से दूरभाष पर कहने पर ली थी। ब्यूरो ने सीएमएचओ को भी गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद दोनों को दोषी माना और प्रत्येक को तीन साल का कारावास व 25,000 रुपए अ अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट में अिभयोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी सहायक निदेशक अभियोजन शरद ओझा ने की।