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Tp न्यूज। कोरोना के कारण 15 करोड़ बच्चे गरीबी के जाल में फस गए है। यूनिसेफ और सेव द चिल्ड्रेन की तरफ से प्रकाशित विश्लेषण में कहा गया है कि कोरोना संकट ने 15 करोड़ से ज्यादा बच्चों को गरीबी के दलदल में धकेल दिया है। कोरोना महामारी और उसके कारण लगे लॉकडाउन की वजह से कम और मध्यम आय वाले देशों में गरीबी में रहने वाले बच्चों की संख्या 15 प्रतिशत बढ़ कर 1.2 अरब हो गई है। इस तथ्यात्मक रिपोर्ट को कई मानकों के आधार पर तैयार किया गया है जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रहने की जगह ना मिलना शामिल है। ख़ास बात यह है कि तेज से बढ़ रही है मजदूरी करने वाले स्कूली बच्चों की संख्या। इस बारे में
यूनिसेफ का कहना है, “जो परिवार गरीबी से निकलने के मुहाने पर खड़े थे, उन्हें वापस खींच लिया गया है जबकि दूसरे लोग ऐसी तंगी और परेशानियां झेल रहे हैं जो उन्होंने कभी नहीं देखीं.” उन्होंने कहा, “सबसे चिंता की बात तो यह है कि हम अभी इस संकट की शुरुआत पर खड़े हैं। आगे की तस्वीर भयावह है।
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