Thar पोस्ट। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। एक शोध में यह दावा किया गया है। राजस्थान समेत भारत में कई राज्यों में कोरोना मरीजों में ठीक होने के बाद खून के गाढ़ा और थक्के जमने जैसी परेशानी सामने आ रही हैं। इसके कारण उनमें दिल की बीमारी से जुड़ी समस्याएं देखने को मिली हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के बाद दिल की बीमारी के केसों में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
पैरों, जांघ, टखनों में आ रही सूजन को न करें नजर अंदाज जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS) में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और यूनिट हैड डॉ. अनिल शर्मा की मानें तो अगर आपके पैरों, जांघ, टखनों में सूजन है तो उसको नजर अंदाज नहीं करें। टांगों में मौजूद धमनियों (आर्टरी) में ब्लड क्लॉट बन जाता है। इसी स्थिति को डीवीटी कहते हैं। उन्होंने बताया कि पोस्ट कोविड मरीजों में डीवीटी के कई केस आए हैं। इसके अलावा वेंट्रीकुलर टेचिकार्डिया (वीटी) के भी कई केस सामने आ रहे हैं। इसमें तो व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचने तक का मौका नहीं मिलता। इस स्थिति में लोग सीने में दर्द, बेहोशी, चक्कर आना, सांस की तकलीफ, सिर घूमना, उल्टी, घबराहट जैसी तकलीफ का सामना करते हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि वीटी के ज्यादातर मामले इस समय यूथ में सामने आ रहे हैं। कोविड के बाद लोगों में जॉब जाने, करियर को आगे बढ़ाने समेत अन्य कई तरह की टेंशन सताने लगी हैं। इस कारण ब्लड प्रेशर मेंटेंन नहीं रहता है।
जयपुर हार्ट इंस्टीट्यूट जयपुर हॉस्पिटल के इंटरनेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जीएल शर्मा ने बताया कि कोविड से रिकवर हुए लोगों में क्लॉट फॉर्मेशन के केस ज्यादा सामने आने लगे हैं। इसमें व्यक्ति के शरीर का खून ज्यादा गाढ़ा होने लगता है, जिससे ब्लड में क्लॉट बनने की प्रक्रिया तेजी से होने लगती है। इस कारण से हार्ट फेलियर की शिकायत होती है। डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड के बाद 30 से 40 एजग्रुप में इस तरह के केस में तेजी से इजाफा देखने काे मिला है। उन्होंने कहा कि इस कंडीशन से बचने के लिए लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज करनी चाहिए।