Thar पोस्ट, न्यूज नई दिल्ली। राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में ईडी से पूछताछ के मामले में सियासत गर्मा गई है। सोमवार को एआईसीसी दफ्तर से ईडी ऑफिस जाने से पहले ही कांग्रेस नेताओं को रोककर गिरफ्तार लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित राजस्थान के कई नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया। मुख्यमंत्री गहलोत ने दिल्ली पुलिस के रोके जाने पर बहस भी की। दिल्ली पुलिस ने फिर भी उन्हें आगे नहीं जाने दिया।
गहलोत ने दिल्ली पुलिस से कहा- पांच लोगों को जाने देने से क्या फर्क पड़ेगा? आपकी अंतरात्मा भी हमारी तरह ही है, हमें जाने दीजिए। दिल्ली पुलिस ने बैरिकेडिंग करके रास्ता बंद कर दिया था। गहलोत और कांग्रेस नेताओं की बहस के बावजूद उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।
कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली पुलिस के अफसरों से इस बात पर भी आपत्ति की कि एक राज्य के मुख्यमंत्री से इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है। गहलोत के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, दीपेंद्र हुड्डा, पवन खेड़ा, पीएल पूनिया, गौरव गोगोई, मीनाक्षी नटराजन सहित कई नेताओं को गिरफ्त में लिया गया है।
गहलोत बोले- यह तानाशाही पूरा देश देख रहा है
गिरफ्त में लेने के बाद गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कहा- आज जिस तरह कांग्रेस पार्टी के शांतिपूर्ण मार्च को रोका जा रहा है, यह तानाशाही पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस मुख्यालय की घेराबंदी कर दी गई है, चारों तरफ पुलिस लगा दी गई है। नेता-कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। मुझे भी ईडी ऑफिस जाते समय साथियों के साथ गिरफ्तार किया है।
देश का कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा
गहलोत ने कहा- यह लोकतंत्र में बिल्कुल अनुचित है। राहुल और सोनिया गांधी को जो ईडी का जो नोटिस आया है, इसको देश का कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। हर जिले और ब्लॉक में आंदोलन हो रहे हैं। इनको समझना चाहिए कि न्याय रखो। कानून का राज स्थापित होने दो। युवाओं को समझना पड़ेगा कि सत्य किसके साथ है।
हिंदू-मुस्लिम की बात करके कब तक गुमराह करेंगे। ईडी के नोटिस गलत हैं। पूरे देश का कार्यकर्ता इसलिए यहां आया है कि देश का मूड क्या है? आज ईडी जहां घुसती है, सात दिन बाद निकलती है। ये फासिस्ट लोग हैं। लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, समय रहते इनके खिलाफ आवाज उठानी होगी।