Thar पोस्ट, न्यूज, नई दिल्ली। देश मे आजादी के बाद चीतों को विलुप्त घोषित किया गया । अब फिर से चीतो को बसाने की तैयारी है। मध्य प्रदेश में एक वाइल्डलाइफ सेंचुरी अपने नए निवासियों, अफ्रीकी चीतों (African Cheetah) के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है. इन्हें एक अंतरमहाद्वीपीय स्थानान्तरण परियोजना के तहत लाया जा रहा है और अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो ये जानवर अगले महीने की शुरुआत में यहां होंगे. 1952 में देश में विलुप्त घोषित हो चुके दुनिया के इस सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर को श्योपुर जिले में कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno Palpur National Park) में एक नया घर मिलेगा.
दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे है
उन्होंने कहा कि अभी शुरुआत में ये दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे हैं. चीतों के स्थानांतरण पर इन दोनों देशों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) की स्थिति पर वन अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. बरनवाल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ जल्द ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. चीता मुख्य रूप से अफ्रीका में पाया जाता है.
12 से 15 चीतों के लिए हो रही तैयारी
वन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत लाए जाने वाले चीतों की संख्या केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी, लेकिन केएनपी में उन्हें प्राप्त करने और रखने के लिए अतिरिक्त तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि केएनपी में 12 से 15 चीतों के लिए तैयारी की है और शुरू में स्थानांतरित जानवरों को रखने के लिए पांच वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में आठ डिब्बे रखे हैं.
1952 में देश में हुए थे विलुप्त घोषित
बता दें कि, कुनो-पालपुर नेशनल पार्क (Kuno Palpur National Park) 750 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है और मांसाहारी जानवरों को संभालने में सक्षम है क्योंकि यहां चीतल, सांभर, ब्लू बुल, जंगली सूअर और लंगूर जैसे अन्य जानवर भी हैं. देश का अंतिम देखा गया चीता 1947 में अविभाजित मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छत्तीसगढ़ में मर गया था और 1952 में इस जंगली जानवर को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. नागरिक वन विभाग के अधिकारी ने ये जानकारी दी. वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बरनवाल ने कहा, “हम इस पर काम कर रहे हैं. चीते अगस्त में मध्य प्रदेश आएंगे.’ जब उनसे पूछा गया कि ये जानवर 15 अगस्त को पार्क में आएगा तो उन्होंने कहा कि, “ऐसा हो सकता है.”