Tp न्यूज़। गहलोत सरकार को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कही यह बात। अर्जुनराम ने गुरुवार को अपने इंदौर प्रवास के दौरान एक बार फिर प्रदेश की गहलोत सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. मेघवाल ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ‘अस्थिर’ है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के मतभेदों के कारण यह सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है। केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने बुधवार को अपने कोटा प्रवास के दौरान भी गहलोत सरकार को लेकर इसी तरह का बयान दिया था।इसके साथ अर्जुनराम मेघवाल ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पीएम मोदी द्वारा कमलनाथ सरकार गिराये जाने के बयान का भी खंडन किया और कहा कि मध्य प्रदेश में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच इसी तरह के मनमुटाव के चलते नौ महीने पहले कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.
गुरुवार को इंदौर में मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने दावा करते हुए कहा कि, ‘हाल ही में जब सचिन पायलट ने विद्रोह किया था, तो अशोक गहलोत ने नाराज विधायकों को समझाने के लिए बाड़ेबंदी की थी. इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इन विधायकों को आश्वासन दिया था कि वह उन्हें या तो मंत्री बना देंगे या निगम-मंडल में जगह दे देंगे, लेकिन अब गहलोत अपना यह आश्वासन पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए अपनी सरकार की स्थिरता को लेकर खुद उनके मन में डर बैठा हुआ है.’
आपको बता दें, इससे पहले बुधवार को कोटा दौरे पर रहे केंद्रीय संसदीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की सत्ता में दो केंद्र हैं, एक खुद गहलोत और दूसरा सचिन पायलट. मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरकार गिरने के सपने आते हैं, वो खुद चिंतित और डरे हुए हैं. मेघवाल में कहा कि सिरोही कांग्रेस कार्यालय के इनॉगरेशन के दौरान सरकार गिरने की बात कहने की गहलोत को क्या जरूरत थी. ये विषय ही नही था, किसी ने गहलोत से इससे जुड़ा सवाल भी नहीं पूछा था.
वहीं राज्य में गहलोत सरकार के दो साल पूरे होने को लेकर पूछे गए एक सवाल जवाब देते हुए मेघवाल ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक हालात बिगड़ी हुई है. केंद्र की योजनाओं का डायवर्जन किया जा रहा है.
किसानों को किया जा रहा है भ्रमित
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन से कुछ ऐसे लोग जुड़ गए हैं जिनका अन्नदाताओं से कोई संबंध नहीं है और इस कारण आंदोलन के लोग ‘भ्रमित’ हो रहे हैं. साथ ही मेघालय ने जोर देकर कहा कि मेरा मानना है कि सरकार से संवाद के माध्यम से किसानों की समस्याओं का निश्चित रूप से समाधान होगा।