


Thar पोस्ट न्यूज। आमजन में यह सवाल है कि आखिर नहरबंदी होती क्यों है ? इंदिरा गांधी नहर परियोजना की रिजाइनिंग और अन्य कार्यों के लिए 2018 में न्यू डवलपमेंट बैंक से 3,291 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। मुख्य नहर और इसकी वितरिकाओं की रिजाइनिंग की जानी थी। वर्ष 2018 में ही जल संसाधन विभाग ने लोहगढ़ हैड से इस कार्य की शुरुआत कर दी थी. इसके बाद हर साल अप्रैल मई में नहरबंदी कर मरम्मत और सफाई का काम किया जाता है।



राजस्थान के 12 जिलों में इसका असर होता है। जिले में वर्तमान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 21 अप्रैल से 20 मई तक पूर्ण नहरबंदी प्रभावी है। जलाशयों में उपलब्ध एकत्र जल मात्रा को मध्यनजर रखते हुए एकांतर क्रम में जल वितरण किया जा रहा है। पेयजल किल्लत की समस्या इसके बाद यानी 20 मई के बाद भी कुछ दिन और रहेगी क्योंकि टंकियों व घरों तक पानी पहुंचने में समय लगेगा।
बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर, फलौदी, सीकर, झुंझुनूं में नहर बंदी का असर इन दिनों है। इन जिलों को पीने का पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है। श्रीगंगानगर को अधिकांश पानी भाखड़ा नहर से मिलता है। ऐसे में श्रीगंगानगर में संकट कम होगा। शेष जिलों में एक महीने से मारामारी चल रही है।




