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miso मूक-बधिर बच्चे हुनरमंद बनेंगे, शिविर 28 सितंबर से Bikaner Local News Portal राजस्थान
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Thar पोस्ट न्यूज। बीकानेर में महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन (मीसो) की ओर से 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मूक-बधिर बच्चों के लिए निशुल्क स्किल डेवलपमेंट का पांच दिवसीय शिविर लगाया जाएगा। इस शिविर में देशभर के 25 प्रांतों से 1000 से ज्यादा मूक-बिधर बच्चे भाग लेंगे। इसमें राजस्थान के 250 और बीकानेर के 84 बच्चे शामिल होंगे।पत्रकारों को जानकारी देते हुए मीसो के अंतरराष्ट्रीय महासचिव लोकेश कावडिय़ा ने बताया कि इस पांच दिवसीय शिविर में तीन दिन तक बच्चों को साइन लैंग्वेज में स्कि ल डवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी।

शिविर में भूटान के आठ, बीकानेर के 84, रायपुर के 16, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से 6, छतीशगढ़ से अलग अलग जिलों से 15, अजमेर से 15, कानपुर से 12, कुचामन सिटी से 10, रोपड़ से 15, मेघालय से 10, यूपी से 15, कोल्हापुर से 15, नादियाड़ से 15, जम्मू से 29, टोंक से 10, लाटूर से 15, झुन्झूनू से 31, सोलापुर से 16, आंधप्रदेश से 11 जनों के आने की अनुमति मिल चुकी है। शिविर में 70 से अधिक ट्रेनर मूक-बधिर बच्चों में स्किल डवलपमेंट करेंगे।संयोजक विजयसिंह डागा ने बताया कि शिविर में श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश के 12 मूक-बधिर बच्चों और उनके साथ चार शिक्षकों के आने की बात चल रही है।

75 तरह की विधाएं सिखाई जाएगी शिविर में। इनमें हर्बल साबुन, हर्बल लि िक्वड, सौन्दर्य प्रसाधन, बारह तरह के मसाले, मीठा मसाला, सिलाई बुनाई, वुलन कपड़े की बुनाई, दीया बाती, होम केयर प्रोडेक्ट, बायो इन्जाईम, बॉटल आर्ट, पहाड़ी नमक,बॉस आर्ट, माटी कला, घास के बैग, ब्यूटी पार्लर कोर्स, नैल आर्ट, मेहन्दी,टॉयलेट क्लिनर, हर्बल पान, हर्बल हेयर ऑयल, खादी ग्रामोद्योग, ड्रोन ट्रेनिंग, फोटोग्राफी, विडियोग्राफी, पेटिंग, टे क्सचर आर्ट, चिडियों को घोसला, हैयर एक्सेसरिज, पेपर फ्लावर मैकिंग, फिल्म मैकिंग, मंडल आर्ट,वॉल हेंगिग, सोलर पेनल क्लीनिंग, सब्लीमेंशन प्रिटिंग, माइक्रोवेव फ ार्मिंग, लोन हेल्प काउन्टर, रेसीन आर्ट, डीफोप्से, मिक्स मिडिया, प्लास्टिक चुडा मैकिंग तथा फोटो फ्रेमिंग सीखाया जाएगा। पहले दो दिन ट्रेनर बच्चों को सिखाएंगे। तीसरे दिन से ट्रेनर्स की प्रत्यक्ष निगरानी में बच्चे अपने साथियों की स्किल डवलपमेंट का काम करेंगे ताकि उनका और साथियों का आत्मविश्वास बढ़ सके। ऐसा करने से बच्चों में परफेक्शन बढ़ाने में आसानी होती है।

पांच दिवसीय शिविर में आने वाले 1000 मूक -बधिर बच्चे कोलासर-मेघासर की 220 बीघा जमीन पर 2500 पौधे लगाएंगे।  संयोजक विजय सिंह डागा ने बताया कि ड्रिप इरीग्रेशन तकनीक से पौधों को तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर होने वाली फसलों को इस्तेमाल भी इन बच्चों के विकास पर खर्च किया जाएगा। इस मौके पर शिविर के पेम्पलेट का विमोचन भी किया गया।


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