Thar पोस्ट न्यूज (जितेंद्र व्यास)। आसमां से उतरती चांदनी व ओस की बूंदों के बीच बीकानेर के रायसर के धोरों पर देर रात लोक संस्कृति की गर्माहट थी। हजारो की संख्या में लोग इसका दीदार कर रहे थे। एक अनूठा मजमा था और कुदरत की छटा ने लोगों को बांध सा दिया। धधकते अंगारों पर जब जसनाथ सम्प्रदाय के साधकों ने अग्नि नृत्य किया तो लोग अवाक रह गए। सम्प्रदाय की महाआरती व धोरों पर बजती थाल ने एक गहरे आध्यत्म की अनुभूति करवाई। देश विदेश से पहुंचे लोगो को यह भी महसूस हुआ कि आखिर इस राजस्थानी लोक संस्कृति की जड़े कितनी गहरी है, जीवन मे लोक कला का मोल क्या है। तो इसी बीच युवाओं ने गिटार व ऑर्केस्ट्रा पर नाद छेड़ी तो सभी युवा उन्ही के रंग में रंगते चले गए। राजस्थान के लोक कलाकारों ने तो दिल ही लूट लिया। चांदनी रात में राधा-कृष्ण नृत्य ने तो मानो ऐसा मंज़र पेश किया कि जैसे रायसर के धोरों पर ही ब्रज हो। रविवार की रात रायसर में लोगों का सैलाब था। बीकानेर में अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव के आखिरी दिन रविवार को रायसर के धोरों पर दिनभर विभिन्न कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में स्थानीय और देशी विदेशी पर्यटकों ने शिरकत की। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के तत्वावधान में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर शहर वासियों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। सर्द व कोहरे के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और धोरों में आयोजित गतिविधियों का लुत्फ उठाया। इससे पहले दिनभर कार्यक्रम हुए देशी-विदेशी पर्यटकों ने रस्सा कस्सी, मटका दौड़, कुश्ती, साफा बांधने की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाई। वहीं खो-खो, कबड्डी जैसे स्थानीय खेलों की प्रतियोगिताओं में भी सैलानियों ने बढ़-चढ़कर दमखम दिखाया।
फॉक नाइट भी आयोजित
रायसर के धोरों पर ऊंटों और घोड़ों की दौड़ सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रही। वहीं जसनाथ सम्प्रदाय के अनुयायियों ने अग्नि नृत्य की प्रस्तुति दी। धधकते अंगारों पर नृत्य देखकर विदेशी पर्यटकों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृतियो के नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। चिरमी नृत्य, घूमर, हरियाणावी लोकनृत्य ने ठंडी रात ये लोगों को थिरकने कर मजबूर कर दिया।
इस दौरान पर्यटन उपनिदेशक अनिल राठौड़ जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा, योगेश सहित प्रशासन की अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित, ज्योति रंगा ने किया। कैमेलमेन विजय सिंह थैलासर, लोक कला संस्कृति प्रेमी एस डी नागल, कैलाश तिवारी का भी सहयोग रहा।
प्रतियोगिताओं में यह रहे विजेता
ऊंट उत्सव के तीसरे दिन मटका रेस में जर्मनी के अलीगरा विजेता और रविंद्र बिश्नोई द्वितीय व चीनू वैष्णव तृतीय स्थान पर रहे। टग ऑफ वॉर की पुरुष और महिला प्रतियोगिता में इंडियन टीम विजेता रही। इसी प्रकार महिला और पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में कैप्टन चंद्र चौधरी कबड्डी टीम विजय रही। इसके अलावा कैमल रेस में इमरान प्रथम, रेवंत सिंह द्वितीय और रामलाल तृतीय स्थान हासिल किया। साथ ही हॉर्स रेसिंग में अमीर सिंह शेखावत विजय रहे। हरि कृष्ण द्वितीय और संपत बिश्नोई तृतीय स्थान पर रहे। इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह किया। धोरों पर सैंड आर्टिस्टों द्वारा उकेरी गई आकृतियों को पर्यटकों ने जमकर सराहा।