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IMG 20241023 101608 85 13 दिन पहले बनी दुल्हनें अब भारत छोड़ने को मजबूर, जीवनसाथी से मिलने की खुशियां काफूर Bikaner Local News Portal राजस्थान
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Thar पोस्ट न्यूज। उनकी खुशियां अब गम बनती जा रही है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हुए रिश्तों का असर यहां जैसलमेर में रह रहे एक परिवार पर पड़ा है, शादी की खुशियों का माहौल कुछ ही पलों में मातम में बदल गया।

जैसलमेर जिले के देवीकोट गांव में महज 13 दिन पहले ब्याह कर आईं दो दुल्हनों को भारत सरकार के आदेश के बाद अब पाकिस्तान लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दुल्हनों के हाथ की मेहंदी भी अभी पूरी तरह नहीं छूटी थी कि वतन वापसी का फरमान आ गया।

जिले के देवीकोट निवासी सालेह मोहम्मद और उनके चचेरे भाई मुश्ताक अली जुलाई 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में अपनी बुआ से मिलने गए थे। वहीं उनकी मुलाकात करम खातून (21) और सचुल (22) से हुई और अगस्त 2023 में परिवारों की रजामंदी से दोनों जोड़ियों का निकाह संपन्न हो गया। निकाह के बाद दोनों दुल्हनों को भारत आने के लिए लंबे समय तक वीजा नहीं मिल सका।

दूल्हे भी अपने वतन लौट आए। आखिरकार अप्रैल 2025 में वीजा स्वीकृत हुआ और 13 अप्रैल को दोनों दुल्हनें जैसलमेर पहुंचीं। परिवारों में पहली बार खुशी की लहर दौड़ी लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी और 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के आदेश ने इन परिवारों पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया। एक ओर जहां नई दुल्हनें ससुराल में जीवन बसाने के सपने देख रही थीं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अचानक अपने पति और परिवार से बिछड़ने का आदेश मिल गया।

मुश्ताक अली इस सदमे से इतना टूट गया कि उसे गंभीर हालत में जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस समय पूरे परिवार में शोक और चिंता का माहौल बना हुआ है। करम खातून और सचुल ने साफ तौर पर कहा है कि वे अब भारत को ही अपना घर मानती हैं। करम खातून के ससुर हाजी अब्दुल्ला ने बताया कि करम की मां का निधन हो चुका है और उसके पिता अरब देशों में मजदूरी कर रहे हैं। पाकिस्तान में उसका कोई ठिकाना नहीं बचा है।

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अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि हम करम को पाकिस्तान भेज भी दें तो वह वहां किसके पास जाएगी? उन्होंने भारत सरकार से मानवीय आधार पर इन दोनों बहुओं को भारत में रहने की अनुमति देने की अपील की है। दोनों दुल्हनों का कहना है कि वे अपने परिवार और पति को छोड़कर पाकिस्तान लौटने के बजाय मरना पसंद करेंगी


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