Tp न्यूज़। राजस्थान बीजेपी में राजनीती फिर से गरमाने लगी है। प्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच शक्ति प्रदर्शन की अनोखी जंग तेज़ हो रही है। अंदरखाने से मिली खबरों के अनुसार सतीश पूनिया पिछले कुछ दिनों से लाव-लश्कर के साथ धार्मिक स्थलों की यात्रा से शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आठ मार्च को अपना जन्मदिन ब्रज चौरीसी की परिक्रमा यानी गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा से मनाने की तैयारी कर रही है। गोर्वधन पर्वत की 84 कोस यानी 268 किलोमीटर का परिक्रमा पथ राजस्थान हरियाणा और यूपी तीन राज्यों से गुजरता है लेकिन राजस्थान के हिस्से के 82 किलोमीटर के परिक्रमा पथ का विकास राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए 300 करोड़ खर्च कराया था। परिक्रमा पथ में जगह-जगह गेट, विश्राम स्थल सीसी रोड के काम कराए थे। अब राजे गुट इस परिक्रमा पथ से अपने शक्ति प्रदर्शन से पूनिया को जबाब देना चाहता है। परिक्रमा पथ में कई मंदिर भी हैं। राजे के करीबी बीजेपी नेता और राजे के कार्यकाल में सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहे यूनूस खान ने कहा कि राजे के कार्यकाल में परिक्रमा पथ तैयार हुआ, उसकी उपेक्षा हो रही है। यूनूस खान ने कहा कि राजे ही बीजेपी में लोकप्रिय चेहरा है और 2023 में उनकी जरूरत है। सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर कोई जंग नहीं है।
राजे का जादू बरकरार: शहरी निकाय प्रमुख के चुनावों में बीजपी को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिर्फ अपना किला बचा पाई हैं। उनके क्षेत्रों को छोड़कर बीजेपी के बाकी बड़े नेताओं के क्षेत्रों में पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। बीजेपी के 27 विधायकों में से 12 के क्षेत्र में पार्टी को निकाय प्रमुख चुनाव में शिकस्त हाथ लगी। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के क्षेत्र झालावाड़ जिले के 5 में से 3 निकाय प्रमुख बीजेपी के बने हैं।