Thar पोस्ट, जयपुर/ बीकानेर । सर्दी की दस्तक के साथ अब राजनीति गरमाने लगी है। बीकानेर में आज बीजेपी और कांग्रेस के आला नेताओं ने अपने तरकश से तीर चलाये, इसकी राजस्थान की राजनीति में गर्माहट महसूस की गई। बीकानेर में उपनेता प्रतिपक्ष, पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ तथा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने सोमवार को बीकानेर सर्किट हाउस में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया । तो कांग्रेस के आला नेता और ऊर्जा मन्त्री डॉ बी डी कल्ला ने बयान जारी कर पलटवार किया। आज सुबह पत्रकारों को संबोधित करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के शासन में प्रदेश में सोलर माफिया, टैंकर माफिया, बजरी माफिया, पेपर लीक माफिया, अपराध माफिया पूरी तरह से सक्रिय हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर होने के साथ ही राजस्थान में अपराध का ग्राफ चरम पर है ।कोरोना की वजह से असमय जान गवाने वाले आम नागरिक सरकार से राहत पैकेज के लिए अभी तक भी घूम ही रहे थे कि अब लचर चिकित्सा व्यवस्थाओं के कारण पूरे प्रदेश में डेंगू का डंक फैल चुका है । संभाग मुख्यालय बीकानेर शहर में डेंगू का सर्वाधिक प्रसार है परंतु सरकार संसाधन जुटाने की बजाय आंकड़े छिपाने में लगी हुई है । प्रदेश में लगभग 50,000 से ज्यादा डेंगू के मरीज हैं और 500 से ज्यादा मौतें हो चुकी है लेकिन राइट टू हेल्थ की बात करने वाले मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत प्रदेश के निजी अस्पतालों मे डेंगू मरीजों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं । डेंगू जांच के लिए कहीं मशीन नहीं है तो कहीं किट नहीं है और दोनों हैं तो टेक्नीशियन नहीं है। प्रदेश में 5700 से ज्यादा नकली दवाइयों के सैंपल की जांच पेंडिंग है और उनकी रिपोर्ट आने से पहले ही दवाइयों का बैच खत्म हो जाता है । राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत सिर्फ और सिर्फ चांदी कूटने का काम हो रहा है जो सरकार के माथे पर एक काला कलंक है। आगामी विधानसभा चुनावों में निश्चित रूप से राज्य की जनता से जनादेश प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी और कांग्रेस मिनी बस जितनी संख्या में सिमट कर रह जाएगी क्योंकि अशोक गहलोत सदैव से अपनी पार्टी का सूपड़ा साफ करने के लिए जाने जाते हैं । बजरी माफिया के अपराध की चपेट में आम नागरिक प्रतिदिन कुचले जा रहे हैं और सरकार को यह बताना चाहिए कि पूरे राज्य में कुल कितने लोगों को अभी तक बजरी माफिया द्वारा कुचला गया ।प्रदेश में संस्थागत भ्रष्टाचार अपने चरम पर होने का आरोप लगाते हुए राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत गृहमंत्री के रूप में पूरी तरह से नाकामयाब हैं तथा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वेट संबंधी गलत बयानबाजी करते हैं । राज्य सरकार की गलत नीतियों से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर हैं और राज्य को अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है । महंगी बिजली दर और अन्य करों से उपभोक्ताओं पर भार बढ़ रहा है ।
ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी.डी.कल्ला पर तंज कसते हुए राठौड़ ने कहा कि बिजली निजीकरण के खिलाफ व्यापक विरोध करने वाले कल्ला जी अब चुप हैं और कम्पनी के खिलाफ उनकी कलम नहीं चल पा रही है । कल्ला जी ने बिजली कंपनी के निजीकरण का घोर विरोध कर जनता को मूर्ख बनाने का कार्य किया अब उन्हीं के मंत्रालय में यू-टर्न के साथ दौसा,करौली, नागौर और झुंझुनू में भी बिजली के निजीकरण की तैयारियां की जा रही है । पंजाब में बिजली कंपनियों के साथ अनुबंध रद्द किए गए हैं तो राजस्थान सरकार इन्हें रद्द करने से क्यों डर रही है ?
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रत्येक जिले में अलग अलग कार्यवाहक मुख्यमंत्री बना रखे हैं । गहलोत को अपमान की राजनीति को बंद कर और कोपभवन से बाहर निकलकर प्रदेश के विकास के लिए सभी को साथ लेकर विपक्ष की राय भी माननी चाहिए । उन्होंने हाल के उपचुनाव में राज्य सरकार द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ अत्याचार कर रही है और उन्हें रेगुलेशन और पानी की आपूर्ति नहीं मिल पा रही, सम्पूर्ण कर्ज माफ़ी अभी भी लंबित है । केंद्र द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत के बजट का उपयोग ही नहीं किया जा रहा और प्रदेश में काम की नहीं बल्कि केवल नाम की सरकार है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को जो भी नीतिगत निर्णय नहीं करना होता है उसे डॉ. बी.डी. कल्ला के नेतृत्व में एक कमेटी बनाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है और डॉ. कल्ला ठंडे बस्ते की मशीन बनकर रह गए हैं। उनके खुद के शहर में पानी टैंकर और बिजली माफिया सक्रिय हैं तथा कानून व्यवस्था पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है सुपर स्पेशलिटी सेंटर को चालू नहीं किया जा रहा है ।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में सरकार रामभरोसे चल रही है और यह सरकार पूरी तरह से जनविरोधी है ।
चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों को नियमित करने के मामले में युवाओं के साथ धोखा किया है और युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।
उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में हर नियुक्तियों में पक्षपात, रीट, एसआई, आरएएस परीक्षा में धांधली, मिलीभगत और भाई भतीजावाद के कांड चरम पर हैं ।
उन्होंने सरकार के बहुप्रचारित “प्रशासन शहरों के संग अभियान” पर तंज कसते हुए कहा कि ढोल नगाड़ों के साथ इस अभियान की शुरुआत के साथ धाराओं को जादू की छड़ी बताया गया था परंतु कुल बावन हजार आवेदनों में से केवल 40 लोगों को ही पट्टे मिलते हैं और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह से फेल है। उन्होंने अभियान के लिए सरकार द्वारा नियुक्त नगर मित्रों को कांग्रेस के ही कार्यकर्ता बताते हुए इसे जनता को लूटने वाला कदम बताया ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू ही नहीं किया जाकर उन्हें शिथिल किया जा रहा है ताकि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को इसका श्रेय ना मिल पाए ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बलात्कार की घटनाएं उच्चतम स्तर पर है और 70% घटनाएँ दलित बच्चियों के साथ हो रही हैं ।
प्रेस वार्ता में भाजपा शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, देहात जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत, नोखा विधायक बिहारी लाल बिश्नोई, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका, भगवान सिंह मेड़तिया, अरुण जैन, नरेश नायक, मनीष आचार्य, सोहनलाल चांवरिया, नरसिंह सेवग, प्रोमिला गौतम, ज्योति विजयवर्गीय, विजय कुमार शर्मा, रामकुमार व्यास, राजेंद्र शर्मा, आनंद सोनी इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
डॉ कल्ला का पलटवार
Thar पोस्ट, बीकानेर। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने एक बयान जारी कर बताया है कि प्रदेश में गत सरकार के समय उप नेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ संविदा कर्मियों के लिए गठित समिति के अध्यक्ष रहे, मगर पिछली सरकार अपने पूरे कार्यकाल में संविदा कर्मियों के हितों के बारे में कोई भी निर्णय नहीं ले सकी।डॉ. कल्ला ने उप नेता प्रतिपक्ष द्वारा सोमवार को बीकानेर में उठाए गए कुछ मुद्दों के सम्बंध में अपने बयान में कहा कि हमारी सरकार द्वारा गठित संविदा कर्मिर्यों की समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट को करीब-करीब तैयार कर लिया गया है, जबकि सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष तो अब पूरे होंगे। ऐसे में जो स्वयं खुद की सरकार के समय संविदा कर्मिर्यों के मुद्दे पर पूरे पांच साल हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, उन्हें इस बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है।जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जब से संविदा कर्मिर्यों की समिति बनी है, तब से लेकर अब तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंर्तगत करीब 10 हजार संविदाकर्मिर्यों को बोनस अंक देकर नियमित किया जा चुका है, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय संविदाकर्मिर्यों को कोई लाभ नहीं दिया गया। डॉ. कल्ला ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में राज्य सरकार ने जिन कमेटियों का गठन किया है, उनमें से अधिकांश कमेटियों ने अपना काम समय पर पूरा कर लिया है। स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से स्कूलों का नामकरण तथा जन घोषणा पत्र क्रियान्वयन से सम्बंधित समितियों का कार्य नियमित रूप से चलने वाला है। इनकी बैठकें भी समयबद्ध रूप से आयोजित हो रही है तथा इन समितियों के पास फिलहाल कोई प्रकरण या कार्य लम्बित नहीं है
डॉ. कल्ला ने अपने बयान में यह भी कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ जब पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री थे तो उस समय प्रदेश सरकार ने बीकानेर, भरतपुर एवं कोटा में बिजली का कार्य 20 साल की अवधि के लिए निजी कम्पनियों को सौंप दिया, अब वो ही बताए कि किस नियम और प्रावधान के तहत इसके ‘कॉंट्रेक्ट’ को निरस्त किया जाए।