


Thar पोस्ट, बीकानेर। बीकानेर नगर निगम में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत पार्षदों के दल ने आज बीकानेर नगर निगम आयुक्त और महापौर से वार्ता कर एक मांग पत्र सौंपा
मनोनीत पार्षदों की मांग थी कि शहर के समग्र विकास के खाके के लिए अतिशीघ्र साधारण सभा रखी जाए शहर की गलियों और मुख्य रास्तो का हाल बेहाल है नालियां भी टूटी पड़ी है साथ ही विकास की नई योजनाएं अभी तक मूर्त रूप नही ले पायी हैइसके साथ ही मनोनीत पार्षदों के दल ने विकास के लिए प्रति पार्षद निर्धारित कोटा भी तुरंत प्रभाव से जारी करने की मांग रखी।आयुक्त महोदय ने पार्षदों के दल की मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करने और मनोनीत पार्षदों को सभी सुविधाएं जारी करने की बात कही
महापौर ने भी आश्वश्त किया कि शहर के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि समान है और ।मनोनीत पार्षदों को भी जनता से सीधा जुड़ाव रखना पड़ता है अतः उनकी कार्यो और जनसमस्याओं के निराकरण के लिए दिए गए सुझावों और कार्यो को त्वरित गति से किया जाएगामनोनीत पार्षदों के दल में पार्षद नितिन वत्सस, पार्षद मनोज किराडू, पार्षद शशिकला राठौड़, पार्षद अभिषेक गहलोत, पार्षद आज़म अली, पार्षद निर्मला बलवेश चावरिया,पार्षद मोहम्मद असलम, पार्षद प्रदीप कुमार नायक, पार्षद किशन तंवर,पार्षद विनोद कोचर शामिल थे
पार्षद जावेद खान, और पार्षद राजेश आचार्य बीकानेर से बाहर होने के कारण नही शामिल हो सके।



बीकानेर के नामचीन चिकित्सक का निधन
Thar पोस्ट, बीकानेर। शहर के जाने माने चिकित्सक डॉ ललित सिंगारिया का लंबी बीमारी के बाद सोमवार दोपहर निधन हो गया। गोविन्दम अस्पताल के संचालक डॉ सिंगारिया शहर के जाने माने चिकित्सकों में से एक थे। वे कैंसर रोग से पीडि़त थे। यहीं नहीं वे चिकित्सक संगठनों के साथ साथ अनेक सामाजिक,राजनीतिक संगठनों से भी जुड़े रहे। उनके निधन पर चिकित्सा जगत में शोक की लहर छा गई। डॉ सिंगारिया के निधन पर आईएमए के डॉ अबरार पंवार,डॉ राहुल हर्ष,डॉ सी एस मोदी, डॉ पीके सरीन, डॉ नवल गुप्ता, डॉ रेखा आचार्य, डॉ राहुल व्यास सहित अनेक चिकित्सकों ने शोक जताया।

चंचल सांखला महिला जिलाध्यक्ष
Thar पोस्ट। अर्पण सेवा समिति द्वारा महिला जिला अध्यक्ष की घोषणा सर्वसम्मति से की गई। अध्यक्ष राजकुमार भाटिया ने चंचल सांखला को महिला टीम का जिलाध्यक्ष घोषित किया है। टीम के सदस्य महादेव पारीक, जयेश शर्मा, भावेश खत्री, मुकेश किंगर व रानी पारीक से विचार-विमर्श करके यह घोषणा की गई है। भाटिया ने चंचल सांखला को 15 दिन में कार्यकारिणी बनाने का निर्देश दिया है। सभी सदस्यों ने चंचल सांखला को शुभकामनाएं दी।

केबिनेट मंत्री का देशनोक बीकानेर में जोरदार स्वागत
बीकानेर। शहर जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव मनोज चौधरी ने बताया कि आज राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली का देशनोक में पधारने पर शहर कांग्रेस कमेटी बीकानेर के द्वारा माला व फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। आज के इस कार्यक्रम में ए ब्लॉक के अध्यक्ष मगन पनेचा, संजय आचार्य, जितेंद्र नायक, मुमताज शेख, संजय गोयल,नाजिया आदि भी स्वागत में मौजूद रहे।

पूर्व डीआरएम अनिल दुबे का बीकानेर जिला उद्योग संघ ने किया स्वागत
Thar पोस्ट। बीकानेर जिला उद्योग संघ द्वारा बीकानेर के पूर्व मंडल रेल प्रबंधक एवं वर्तमान में पूर्वी रेल्वे कोलकात्ता के प्रिंसिपल चीफ इंजिनीयर अनिल दुबे का दुपट्टा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया | बीकानेर जिला उद्योग संघ पधारे दुबे ने बीकानेर जिला उद्योग संघ के कार्यालय का अवलोकन करते हुए बताया कि वास्तव में शायद ही ऐसा किसी औद्योगिक संस्था में हाईटेक वीसी रूम होगा और ये बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं उनकी टीम के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है | साथ ही दुबे ने बीकानेर जिला उद्योग संघ में लगे मेडिसिन विंग प्रोजेक्ट की तस्वीर को देखकर प्रोजेक्ट की जानकारी चाही जिस पर अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि प्रस्तावित मेडिसिन विंग 203145 SQ.FT. भूभाग पर बनेगा | इस विंग में ग्राऊंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर, द्वितीय फ्लोर का निर्माण होगा और भविष्य में होस्पिटल के विस्तार हेतु नींव में 2 फ्लोर की अतिरिक्त स्ट्रेंथ दी जा रही है | इस प्रस्तावित अस्पताल भवन में 50 बैड के लग्जरी कोटेज, 8 वार्ड, 40 बैड का आईसीयू, 2 आईसोलेशन वार्ड, ट्रेनिंग हॉल, 8 डॉक्टर्स चेंबर, पूरे बेसमेंट में कार पार्किंग एरिया, रोगियों की सुविधा के लिए 4 लिफ्ट, 4 सीढियां, रेम्प, 2 लाख लीटर का अंडरग्राऊंड वाटर टेंक, ओवर हेड वाटर टेंक, फायर फाइटिंग सिस्टम, जेनरेटर सेट रूम व रोगियों के लिए केन्टीन का निर्माण करवाया जाएगा । प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर दुबे ने भामाशाह कन्हैयालाल मूंधड़ा द्वारा मानव सेवा हेतु किये जा रहे इस प्रकल्प की प्रशंसा की और इसे पूरे संभाग के रोगियों के लिए लाभदायक बताया | इस अवसर पर जेडआरयूसीसी सदस्य नरेश मित्तल एवं सुशील यादव आदि उपस्थित हुए |

विश्व बंधुत्व के सेतु थे डॉ. टैस्सीटोरी – रंगा राजस्थानी युवा लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा ने कहा कि महान् इटालियन विद्वान, राजस्थानी पुरोधा, डॉ. लुईजि पिऔ टैस्सीटोरी विश्व बंधुत्व के सेतु थे। रंगा शुक्रवार को डॉ. टैस्सीटोरी की 102वीं पुण्यतिथि पर राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय संस्थान द्वारा डॉ. टैस्सीटोरी समाधि स्थल पर आयोजित होने वाले समारोह में ‘पुष्पांजलि’ और ‘शब्दाजलि’ कार्यक्रम को अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी ने सभी सीमाओं को लांघकर राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्त्व के लिए समर्पित भाव से काम किया। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुभाषाविद् एवं भाषा वैज्ञानिक थे साथ ही उन्होंने कुशल सम्पादन करते हुए राजस्थानी के महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों को प्रकाश में लाने का कार्य किया। ऐसी महान् विभूति को नमन करना अपनी विरासत को याद करना है। उनके कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना एक सृजनात्मक दायित्व निर्वहन करना है। इससे पूर्व सभी साहित्यकारों एवं अन्य कला से जुड़े गणमान्यों आदि ने डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
टैस्सीटोरी के व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व पर ‘शब्दांजलि’ में विस्तृत प्रकाश डालते हुए बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ शाइर क़ासिम बीकानेरी ने कहा की डॉ. टेस्सीटोरी बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे वे भारतीय आत्मा थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन साहित्य, संस्कृति, कला, पुरातत्व, शोध एवं भाषा को मान सम्मान दिलाने में लगा दिया था | वरिष्ठ कवयित्री मधुरिमा सिंह ने राजस्थानी मान्यता के सवाल को उठाते हुए डॉ. टैस्सीटोरी को याद किया। वहीं वरिष्ठ कवयित्री कृष्णा वर्मा ने डॉ. टैस्सीटोरी के नाम से एक सांस्कृतिक और साहित्यिक भवन की मांग रखी। इतिहासविद् डॉ. फारूक चौहान ने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी गंभीर पुरातत्त्वविद् थे। कवि गिरिराज पारीक ने डॉ. टैस्सीटोरी समाधि-स्थल की समुचित व्यवस्थाओं की मांग उठाई।
कवि डा.तुलसीराम मोदी ने कहा कि राजस्थानी की मान्यता मिलना ही डॉ. टैस्सीटोरी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संस्कृतिकर्मी सय्यद बरकत अली कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी महामानव थे और राजस्थानी संस्कृति के गहरे उपासक थे। कवि शमीम अहमद ‘शमीम’ ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि राजस्थानी मान्यता आंदोलन को ऐसे आयोजनों से गति मिलेगी और साथ ही हमें संस्था के साथ जुड़कर राजस्थानी भाषा आंदोलन में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हरिनारायण आचार्य ने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी सही अर्थों में राजस्थानी के गंभीर अध्येता थे। कार्यक्रम में शामिल प्रबुद्घजनों ने उनकी सेवाओं को रेखांकित करते हुए उन्हें बहुआयामी और समर्थ आलोचक बताया। शब्दांजली कार्यक्रम में आशीष रंगा, तोलाराम सारण, अशोक शर्मा, भवानीसिंह, कार्तिक मोदी आदि सहित सभी राजस्थानी समर्थकों ने डॉ. टैस्सीटोरी के कार्यों को नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संचालन डॉ. फ़ारुक़ चौहान ने किया जबकि सभी का आभार गिरिराज पारीक ने ज्ञापित किया।


श्रीसादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट , बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी विद्वान डॉ. एल. पी. तैस्सितोरी की 102वीं पुण्यतिथि पर सोमवार को स्थानीय म्यूजियम परिसर स्थित डॉ. तैस्सितोरी की प्रतिमा पर पुष्पांजली ,उनके व्यक्तित्व एवं कृत्तिव्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ संस्कृृतिकर्मी एन. डी. रंगा थे तथा विशिष्ट अतिथि कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया एवं सम्पादक डॉ. अजय जोशी रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों , सामाजिक कार्यकर्ताओं , शिक्षाविदों् , साहित्यकारों एवं शोधार्थियों ने डॉ. तैस्सितोरी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र जोशी ने कहा कि इटली निवासी विद्वान डॉ. तैस्सितोरी बीकानेर में रहते हुए राजस्थान के इतिहास , संस्कृति , साहित्य तथा पुरातत्व संबंधी शोध कार्य में तत्पर रहे । जोशी ने कहा कि उन्होनें यहां के ऐतिहासिक साहित्य हस्तलिखित ग्रन्थ , शिलालेख एवं जैन साहित्य को एक सूत्र में पिरो कर साहित्य मर्मज्ञों के लिए प्रस्तुत किय
ा ।जोशी ने कहा कि डॉ. तैस्सितोरी राजस्थानी लोकगीतों के प्रेमी थे वे मूमल , मरवण , पद्मिनी आदि कथाऐं और गीत सुनते और रात – रात भर गांवों में रहकर वहां की भाषा और संस्कृति का अध्ययन करते रहे । पल्लू गांव की दसवीं-ग्यारवी शताब्दी के दौरान सरस्वती प्रतिमा ( 10वी -11वीं शती ) को तलाशने का श्रेय भी डॉ. तैस्सितोरी को ही जाता है ।
मुख्य वक्ता साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि बीकानेर के भ्रमण और यहां के इतिहास को पढ़ने से स्पष्ट हो गया कि यहां साहित्यक जागरूकता वर्तमान में भी है, और पूर्व में भी रही है ऐसे में बीकानेर की माटी से प्रेरणा लेकर डॉ. तैस्सितोरी ने राजस्थानी भाषा के लिए कार्य किया ।मुख्य अतिथि श्री एन.डी.रंगा ने कहा कि डॉ. तैस्सितोरी की राजस्थान की मरूधरा एवं मरूवाणी की संस्कृति एवं साहित्य के प्रति असीम अनुरक्ति थी, यही कारण है कि वे शनैः-शनैः यही के होकर रह गये ।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि डॉ. नीरज दइया ने कहा कि अब समय आ गया है , जब राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल जानी चाहिए । कवि चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि उदीने एवं बीकानेर को जुड़वां शहर के रूप में स्थापित करने के लिए नगर निगम एवं नगर के साहित्यकारों एवं कला साहित्य एवं संस्कृति जगत के लोगो को प्रयास करने की जरूरत है ।
लेखक ड़ॉ. अजय जोशी ने कहा कि शोधार्थियों को डॉ. तैस्सितोरी के शोध कार्य का अध्ययन करना चाहिए और उनके द्वारा किए गये शोध से अपने द्वारा किये जाने वाले शोध को गुणवत्तायुक्त बनाया जा सकता है ।पत्रकार डॉ. नासिर जैदी ने कहा कि डॉ. तैस्सितोरी भाषा के प्रति जुड़ाव के प्रेरणा स्त्रोत के रूप में याद किए जाएगें ।
साहित्यकार जुगल पुरोहित ने कहा कि इटली निवासी डॉ. तैस्सितोरी राजस्थानी संगीत के भी प्रेमी थे ।कार्यक्रम में संस्कृृतिकर्मी बृृजगोपाल जोशी ने उनके व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व पर विचार रखे। आभार युवा कवि संजय जनागल ने ज्ञापित किया।