ताजा खबरे
IMG 20250429 WA0011 घर की छत्तों पर अब बीकानेर  : ऊँट, मिठाई स्त्री, सोनो, गहणो शाह, पांच चीज पृथ्वी सरे वाह बीकाणा वाह, मिस्टर बीकाणा ने भी उड़ाया चन्दा Bikaner Local News Portal राजस्थान
Share This News

Thar पोस्ट न्यूज। पन्द्रह सौ पेंतालवे सुद बैसाख सुमेर, थावर बीज थरपियो बीके बीकानेर।
ऊँट, मिठाई स्त्री सोनो गहणो शाह, पांच चीज पृथ्वी सरे वाह बीकाणा वाह!

जांगळ प्रदेश चंदा महोत्सव समिति द्वारा बीकानेर के 538वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जूनागढ़ परिसर में जय जंगळधर बादशाह और मां करणी एवं भगवान श्री गढ गणेश के समक्ष उपस्थित होकर राजपंडित श्याम आचार्य, सिनी आचार्य, किशन आचार्य, पंडित गंगाधर व्यास ने चंदे का पूजन मंत्रोचार के साथ करवाया। साथ ही लोकगीत, ‘‘आकाशों में उड़े म्हारौ चंदौ लक्ष्मीनाथ म्हारी सहाय करे, गवरा दादी पून दे टाबरियों रौ चंदो उड़े।’’ बोलो रै छोरो आखातीज रौ तेल खिचड़ो खावै मघो मूूधड़ौ। उसके बाद जूनागढ़ के ऐतिहासिक परिसर में चंदा उडा़कर देश में अमन चैन, खुशहाली की कामना की गई।

img 20250429 wa00192822921070664626441 घर की छत्तों पर अब बीकानेर  : ऊँट, मिठाई स्त्री, सोनो, गहणो शाह, पांच चीज पृथ्वी सरे वाह बीकाणा वाह, मिस्टर बीकाणा ने भी उड़ाया चन्दा Bikaner Local News Portal राजस्थान

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया कि बीकानेर के राजा राव बीकाजी ने 537 वर्ष पूर्व बीकानेर की स्थापना की। उन्होने मां करणी से आशीर्वाद लेकर बीकानेर नगर बसाया।

शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि राव बीकाजी ने चंद्रनुमा गोल आकृति की पतंग जो कि बही के कागज से बनी होती है उसके चारों ओर लाल और केसरिया रंग का कपडे़ का उरेब लगाकर उसके ऊपर सरकंडे लगाकर सूर्य की किरणो जैसा गोल आकृति का चंदा प्रतीत होता है और बीकानेर की पगड़ी को पूछ बनाकर नमस्कार करते हुए बीकानेर की अमन चैन खुशहाली के लिए कामना करते हुए बीकानेर का वैभव सदियों-सदियों तक कायम रहे।

इस अवसर पर श्री जानकीनारायण श्रीमाली ने बताया कि सिंधु नदी के पश्चिम और यमुना नदी के पूर्व के विशाल क्षेत्र पर दिग्विजय प्राप्त कर बीकानेर राज्य की स्थापना की। राव बीकाजी बीकानेर स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी 22 गज की पगड़ी के साथ 7 फिट का चंदा बनाकर आकाश में उडाकर यह संदेश दिया कि बीकानेर की कीर्ति अनंत काल तक अछुण रहेगी।

इस अवसर पर कृष्णचंद्र पुरोहित ने बताया कि राव बीकाजी अपने काल में चंदों के माध्यम से जनता तक संदेश पहुंचाते थे। उस समय जनता तक संदेश पहुंचाने का एक मात्र जरिया चंदा ही हुआ करता था। क्योंकि उस जमाने में आधुनिक संचार के साधन नहीं थे। चंदा एक घर से दूसरे घर उड़ाया जाता था उस चंदे को कोई भी फाड़ता नहीं था, कोई चोरी नहीं करता था और जो भी इस तरह कि घटना घटित करता था तो उसे राजा द्वारा उसे दंडित किया जाता था और जुर्माने के रूप में 1 रूपया लिया जाता था। आज के युग में टीवी मोबाईल सब कुछ है और सोशल मीडिया का जमाना है लेकिन आज भी चंदे के माध्यम से संदेश पहुंचाने की परंपरा को जीवित रखे हुए है और जनता एवं  प्रशासन तक विभिन्न समयानुकूल संदेश पहुंचाते है जिसमें जल ही जीवन है पर्यावरण से सबंधित है संदेश है पेड लगाओ, पशु पक्षियों को बचाने के लिए संदेश है चाईनीज मांझे का बहिष्कार है और बाल विवाह अपराध है अनेकों प्रकार की कला संस्कृति मे बीकानेर की विभिन्न कला जैसे कि बीकानेर गोल्डन आर्ट, मीनिचर आर्ट, मथेरण आर्ट, मॉडर्न आर्ट आदि कलाओं के जरिए इस चंदे पर अपने भाव को अभिव्यक्त कर बीकानेर की समस्याओं को अभिव्यक्त करते हुए  और जन-जन तक संदेश  पहुंचाते है।

इस अवसर पर कनाड़ा, आस्ट्रेलिया, बैल्जियम और स्पेन से आए हुए पर्यटकों ने बीकानेर स्थापना दिवस की बधाई देते हुए चंदा उड़ाया। मिस्टर डेजर्ट एवं रोबीले चंदा कार्यक्रम में शामिल हुए जो कि शाम्भा बीकानेरी, सत्यदेव किराडू (कबाड़ी काका) किशोर कल्ला (हैप्पी), मोहित पुरोहित, आदित्य पुरोहित, मोहित जोशी, कंवरलाल चौहान, सोनू, पंडित गंगाधर व्यास, भगवान सुथार, कला विशेषज्ञ डॉ. राकेश किराडू, आशीष रंगा, कार्तिक मोदी, ट्युरिस्ट गाईड सुभाष, शैलेंद् कच्छावा और महादेव जोशी इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

बीकानेर नगर के 538वे स्थापना दिवस के अवसर पर जाझो ब्रिगेड व महाराजा राय सिंह ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में जूनागढ़ से पारंपरिक चंदा उड़ा कर परम्परा का निर्वाह किया ।

इस उपलक्ष्य पर चंदों के माध्यम से बीकानेर की खुशहाली की कामना की गई साथ ही कश्मीर के पहलगाम में हुवे आतंकी हमले में शहीद हुए बेगुनाहों को श्रद्धांजलि दी गई इस अवसर पर माधो सिंह, गजेन्द्र सिंह मदनसिंह जी,रूप सिंह जी,मनोहर सिंह जी, अनिल बोडा, इंद्र प्रकाश बोडा, अभिषेक बोडा, हरेंद्र बोडा, चंद्रमोहन हर्ष, केशव बोडा,मुकुंद व्यास, गोविंद व्यास आदि उपस्थित रहे।


Share This News