


Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। बीकानेर में आखातीज एक त्योहार पर्व है। इसमें बीकानेर के राजस्थानी साफा-पाग, कला संस्थान एवं थार विरासत की ओर से नगर स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले आयोजनों की शृंखला में बीकानेर स्थापना दिवस आज 7 दिवसीय ‘उछब थरपणा’ का आगाज बीकानेर की खास परम्परागत कला चंदा, साफा एवं पगड़ी संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला जो विशेष तौर से युवा कला प्रतिभाओं के लिए रखी गई।




दो दिवसीय कला कार्यशाला के उदï्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि बीकानेर की समृद्ध कला परम्परा से युवा पीढ़ी रूबरू होकर इसमें अपनी कला सहभागिता का निवर्हन कर नवाचार करें। र
कार्यशाला के संयोजक कला विशेषज्ञ डॉ. राकेश किराड़ू ने बीकानेर की परम्परागत कलाओं के बारे में बताते हुए कहा कि बीकानेर हमेशा अन्य क्षेत्रों की तरह ही कला जगत में अपनी एक अलग पहचान रखता है।
7 दिवसीय उछब थरपणा समारोह के संयोजक राजेश रंगा ने कहा कि हम उछब थरपणा के माध्यम से बीकानेर से जुड़ी परम्पराओं, साहित्य, कला, पुरासम्पदा, संगीत एवं सांस्कृतिक धरोहर के साथ-साथ समसामयिक संदर्भ के साथ आयोजन करते आए हैं। इस वर्ष भी इस समारोह में कला कार्यशाला, रंगोली प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, खेल संवाद एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन स्थानीय नत्थूसर गेट के बाहर लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में आयोजित किए जाएंगे।
संस्था सचिव एवं समन्वयक वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी पाग-पगड़ी एवं चंदा कला विशेषज्ञ कृष्णचंद्र पुरोहित ने प्रारंभ में कार्यशाला की सार्थकता बताते हुए कहा कि २ दिवसीय इस आयोजन में पहली बार बालिकाएं अपनी परंपरागत कलाओं से रूबरू होगी।
कार्यशाला में आंचल सोनी, निकिता जोशी, निशा पुरोहित, सुमन कुमावत, पुष्पा जोशी, वनिता, कीर्ति लखाणी, पूर्वांशी पुरोहित, योगेश रंगा, रवि उपाध्याय, गणेश रंगा, चंदन सैन, केशव जोशी, चंद्रशेखर जोशी, आशुतोष व्यास, नकुल रंगा सहित कई युवा दो दिन तक चंदा-पाग-पगड़ी कला को समझेंगे साथ ही चंदा बनाना, साफा- पाग व पगड़ी बांधने का उपक्रम करेंगे।
कार्यशाला में विशेष तौर से कला विशेषज्ञ डॉ. राकेश किराड़ू , कृष्णचंद्र पुरोहित एवं मथेरण कला के वरिष्ठ कलाकार चंद्रप्रकाश महात्मा के विशेष सान्निध्य में युवा प्रतिभाएं परम्परागत रंगों एवं ब्रश की जुगलबंदी से कला की रंगत को नवआयाम देंगे। आभार युवा कलाकार मोहित पुरोहित ने ज्ञापित किया।




