


Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर।
देश में विख्यात बीकानेर नगर के स्थापना दिवस समारोह पर 7 दिवसीय ‘उछब थरपणा’ समारोह राजस्थानी साफा, पगड़ी एवं कला संस्थान एवं थार विरासत के साझा आयोजन के रूप में मनाया जाएगा।



कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्था अध्यक्ष राजेश रंगा ने बताया कि ‘उछब थरपणा’ समारोह 14 अप्रैल से 20 अप्रैल, 2025 तक नत्थूसर गेट के बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह की विशेष बात यह होगी कि इस बार का यह समारोह युवा प्रतिभाओं को समर्पित रहेगा।
कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक एवं संस्था सचिव कृष्णचन्द्र पुरोहित ने बताया कि ‘उछब थरपणा’ के प्रथम दिन प्रातः 11ः15 बजे संस्था कार्यालय मंे दो दिवसीय चंदा, साफा पगड़ी संबधित दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया जाएगा। जिसके संयोजक वरिष्ठ कला विशेषज्ञ डॉ. राकेश किराडू रहेंगे।
समारोह के तीसरे दिन 16 अप्रैल 2025 को राजस्थानी लोक कला एवं लोक संस्कृति के वैभव को उकेरने के लिए विशेष रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन संयोजिका संस्कृतिकर्मी श्रीमती हेमलता व्यास के निर्देशन में किया जाएगा। इसी कड़ी में समरोह चौथे दिन 17 अप्रैल 2025 को बीकानेर को केन्द्र में रखकर खास निबंध प्रतियोगिता का आयोजन संयोजक युवा शिक्षाविद् आशीष रंगा के निर्देशन में होगा।
इसी कडी में समारोह के पांचवे दिन 18 अप्रैल 2025 को बीकानेर की समृद्ध खेल परंपरा पर आधारित एक परिसंवाद का आयोजन संयोजक हितेन्द्र मारू और पुरूषोत्तम रंगा के संयोजन में आयोजित होगा।
समारोह के लिए वर्तमान मंे एक कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें गोपीकिशन छंगाणी, गौरीशंकर व्यास, मोहित पुरोहित मरूधरा बोहरा, धर्मेन्द्र छंगाणी, मनमोहन पालीवाल, नंदकिशोर रंगा, तोलाराम सारण, घनश्याम ओझा, भवानी सिंह, कार्तिक मोदी, अख्तर अली आदि हांेगे।
आयोजक राजेश रंगा एवं कृष्णचंद्र पुरोहित ने बताया कि समारोह में 19 व 20 अप्रैल को दो दिवसीय विभिन्न कलाओं की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन संयोजक धर्मेन्द्र छंगाणी, मनमोहन पालीवाल होंगे। इस प्रदर्शनी मंे खास तौर से थेवा, मथेरन, उस्ता, पिछवाई, काश्ट, लीफ आर्ट के साथ-साथ भारतीय लघु, परंपरागत एवं राजस्थानी चित्रकला, पहाड़ी वर्ली, फड़, रियलिस्टिक-दृश्य पेंटिंग के साथ-साथ साफ-पाग, पगड़ी एवं पुराने नोट व सिक्कों एवं नगर के पुरातन फोटोग्राफ की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन होगा। समापन समारेाह 20 अप्रैल को आयेाजित किया जाएगा।
पानी’ पर केन्द्रित ‘काव्य रंगत-शब्द संगत’ 21 को
प्रज्ञालय संस्थान अपने साहित्यिक एवं सृजनात्मक नवाचारों की श्रृंखला मे वर्तमान में नगर ही नहीं प्रदेश में पहली बार नव प्रयोग करते हुए प्रकृति पर केन्द्रित 12 मासिक कड़ियों के माध्यम से हिन्दी, उर्दू एवं राजस्थानी की नई रचनाओं का वाचन का कार्यक्रम ‘काव्य रंगत-शब्द संगत’ कराया जा रहा है।
संयोजक कमल रंगा ने बताया कि इस माह की बारहवीं कड़ी मे ‘पानी’ पर केन्द्रित नई रचनाओं का वाचन आगामी 21 अप्रेल, 2025 सोमवार को सांय 6ः00 बजे नत्थूसर गेट बाहर स्थित लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में आयोजित होगा।
शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि इससे पूर्व धरती, आसमान, बरसात, पेड़, समुद्र, नदी, पहाड़, चन्द्रमा, सूरज, हवा, आग पर केन्द्रित तीनों भाषाओं की नव रचनाओं की शानदार प्रस्तुतियां हो चुकी है। इस बार की कड़ी प्रकृति के महत्वपूर्ण उपक्रम ‘पानी’ पर केन्द्रित होगी।
रंगा ने आगे बताया कि 12 कड़ियां पूर्ण होने पर जो कवि शायर कम से कम आठ बार अपनी सहभागिता निभाएंगे। उनकी रचनाओं का चयन उपरांत पुस्तक आकार में प्रकाशित करने की योजना है।




