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IMG 20231123 090506 72 जलदाय विभाग में 350 करोड़ रुपये का घोटाला ! Bikaner Local News Portal देश
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Thar पोस्ट। सूबे के जलदाय विभाग में 350 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद कई अधिकारियों के हाथों से तोते उड़े हुए है। राजस्थान के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट यानी PHED विभाग में एक और महाघोटाला सामने आया है। इंजीनियर्स की कस्टडी में सरकारी सामान गायब हो गया है। यह मामला चवन्नी अठठनी का नही होकर करोड़ों का है। अधिकारियों के चेहरे से हवा उड़ी हुई है। इतना ही नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है कि आखिर यह सरकारी संपत्ति कहां गई? सरकारी सामान गायब होने से जलदाय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इसे लेकर विभाग ने लेटर जारी कर कार्रवाई की बात कही है।

कौन जीम गया?

राज्य सरकार के सरकारी खजाने से इंजीनियर्स ने पूरी सामग्री खरीदी थी। गायब हुए सामान में DI पाइप, HDPE पाइप्स, रबर ज्वॉइंट्स, समरसिबल पंप, इलेक्ट्रिकल पैनल्स, वॉल्व सहित सभी सामग्री गायब हैं। मिली जानकारी के अनुसार ये सभी सामान 350 करोड़ के सरकारी खजाने से खरीदे गए थे। JJM के कामकाज सामान गायब होने की वजह से पूरी तरह से बंद हैं। सीकर, झूंझुनूं, नागौर, अलवर, शाहपुरा, कोटपुतली, जयपुर, बहरोड़, महुआ, सिकराय, बांदीकुई, मंडावर में घोटाला हुआ है। विभाग को इंजीनियर्स व ठेकेदारों पर सामग्री को गायब करने का शक है।

पिछली सरकार के कार्यकाल में 90 फीसदी भुगतान किया जा चुका है। ठेकेदार पदमचंद जैन को सामग्री का 450 करोड़ का भुगतान किया गया था। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवैल और गणपति ट्यूबवेल को भुगतान हुआ है। वहीं, इस पूरे मामले पर जलदाय प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है।

450 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदी गई सरकारी पाइप लाइन, समरसेबल पंप और अन्य सामान जलदाय विभाग के कार्यालयों में नहीं हैं। इन सामानों का भुगतान ठेकेदार पदम जैन को कर दिया गया है। कई जगहों पर ठेकेदार पदमचंद जैन की कंपनियों के गोदामों में भी सामग्री रखी गई, वो गायब हो गई है। जैन ने पूछताछ में बताया है जब वो ईडी और एसीबी की गिरफ्तारी के समय जेल में था, तब उसके गोदामों से अज्ञात लोग माल चुराकर ले गए। आगे कहा कि उस (पदमचंद जैन) पर कई लोगों के कामों का पैसा बकाया था, तो बकाएदार अपने पैसे की वसूली के लिए सरकारी सामग्री को कंपनियों के गोदामों से चुराकर ले गए हैं।

पिछली कांग्रेस सरकार में भी जल जीवन मिशन घोटाला सामने आया था, इसमें 500 करोड़ का घोटाला होने की बात सामने आई थी। इस घोटाले को फाइनेंस डिपार्टमेंट ने विधानसभा से छिपाकर किया था। वहीं, इस पूरे मामले को लेकर पहले ही सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच कर रही है।


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