Thar पोस्ट, न्यूज। ऊँट उत्सव में हमेशा विवाद होते रहे हैं। एक बार फिर ऊँट उत्सव 2024 के दूसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। पहले सोशल मीडिया से जुड़े कुछ ब्लॉगर्स को मीडिया बॉक्स में एन्ट्री नही दी गयी और उनके साथ बदसलूकी की गई जबकि उनके पास एंट्री कार्ड थे जो खुद आयोजन करने वालो ने दिए थे। जबकि मीडिया ही एक माध्यम है जिसके द्वारा ऊँट उत्सव का प्रचार विदेशों में भी होता है। वर्तमान में डिजिटल मीडिया की भी पर्यटन विकास में महत्ती भूमिका है। उत्सव के दूसरे दिन हुई मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिता विवादों में रही। मिस मरवण परिणाम को लेकर अन्य प्रतिभागियों ने करणीसिंह स्टेडियम में मंच पर ही घरना दे दिया। उनके धरने पर बेठे होने के बावजूद पर्यटन विभाग के अधिकारी अपने घर चले गये। रात 9 बजे के आसपास शुरू किए इस धरने पर लड़कियां डटी रही। फिर बात जिला कलेक्टर तक पहुची तो कलेक्टर ने पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ को फोन किया और स्टेडियम पहुचने के आदेश दिए। रात 11:30 पर राठौड़ दुबारा स्टेडियम पहुचे और लड़कियों की बात सुनी। इस पर लड़कियों ने आरोप लगाए कि निर्णय गलत हुआ है। मिस्टर बीकाणा चयन भी गलत है। अनिल राठौड़ ने कहा कि नोटशीट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी। फैसला जजो ने किया था इसलिये मैं कुछ नही कह सकता। गौरतलब है वर्षों पहले भी ऐसे हालात बने थे जब विवाहित महिला को मिस मरवण का खिताब पर्यटन विभाग ने दिया था तब तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रेया गुहा के निर्देश पर सहायक निदेशक एच एम आर्य को परिणाम बदलना पड़ा। उत्सव के परिणामों में कई बार पारदर्शिता की कमी देखी गई है। पर्यटन विभाग केवल लीक पीटकर उत्सव पूरा करना चाहता है। पिछले बीस वर्षों में उत्सव के कार्यक्रमों में कोई खास परिवर्तन नहीं कर पाया है जबकि मीडिया समय समय पर सुझाव देता रहा है। मुझे याद है एक बार ऐसा भी हुआ था जब विभाग ने ऊंट उत्सव के कार्यक्रम पिछले वर्षों की फ़ाइल उठाकर तय कर दिए। तब मैंने विभाग के उच्च अधिकारी से कहा कि इसका वर्ष तो बदलने की तो कृपा करें।