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आलेख
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प्रकृति की नायाब सौग़ात झाडबेरी
कस्तुरी मृग की भातिहम इधर उधर स्वास्थय के लिये भागते है ऐसी अँगरेजी दवाइयां लेते है जिनका साईड इफेक्ट जान लेवें भी हो सकते है लेकिन मरुभूमि मे उगने वाले झडबेरी जैसे अमृततुल्य उपहार की उपेक्षा करते है…..
झाडबेरी यानी जीजीफस नीमुरालिया (जूजूबे ) पोषक तत्वों का संग्रह है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली भोजन है जो लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य का खजाना है। बेर का वैज्ञानिक नाम ज़िज़िफस नीमुरालिया है। बेर के कच्चे फल हरे रंग के होते हैं जबकि पकने पर थोड़ा लाल या लाल-हरे रंग के हो जाते हैं। बेर दक्षिणी और मध्य चीन सहित दक्षिणी एशिया में बहुत अधिक उगाया जाता है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इसका दस हज़ार से अधिक वर्षों का इतिहास है और इसकी चार सौ से अधिक विभिन्न किस्में पाई जाती है।लेकिन सबसे ज्यादा गुणकारी ज़िज़िप्स निम्मुरालिया झड़बेरी है।
बेर का पेड़ ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों में लगाए जाने वाले महत्वपूर्ण पेड़ों में से एक है। बेर का फल भगवान शिव को अर्पण किया जाता है और सभी शिव मंदिरों में विशेषकर महाशिवरात्रि के समय इसे बेल के समान ही महत्त्व दिया जाता है।
इस्लाम धर्म मे इसके पत्तो से नहाने से चमडी के रोग दूर होना व ऊपरी आत्मा को दूर करने किसी के करवाये जादू टोना को बेअसर करने वाला बताया वही भारत मे शादी के वक्त घोडी पर बैठे दूल्हे पर बेर के टहनी छत्री की तरहा साथ साथ रहती है। बेर के पेड़ को सिख धर्म में भी विशेष रूप से पवित्र माना गया है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सिखों के पहले गुरू नानक देव जी को बेर के पेड़ के नीचे ही दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
औषधीय गुणयह फल विटामिन और खनिजों से लबरेज है। इसमें विटामिन के, कैल्शियम, मैंग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। बेर में कुछ जैविक अम्ल भी पाए जाते हैं, जैसे-सक्सीनिक और टार्टरिक अम्ल। बेर एक प्राकृतिक परिरक्षक है और इसे अन्य खाद्य पदार्थों के परिरक्षण में इस्तेमाल करने के लिए अनुशंसित किया गया है। बेर में अनेक प्रकार के औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जिसकी पुष्टि वैज्ञानिक अनुसंधान भी करते हैं। वर्ष 2015 में फार्माकोग्नोसी रिव्यूज नमक जर्नल में प्रकाशित एक शोध इसके कैंसर-रोधी गुणों की पुष्टि करता है। इसी तरह, बेर के गूदे का सेवन मधुमेह की वजह से होने वाले तंत्रिका क्षरण से बचाव करता है। इस बीमारी में पैर और तलवे की धमनियों में तेज दर्द होता है। बेर के इस गुण की पुष्टि मार्च 2015 में इंडियन जर्नल ऑफ बेसिक मेडिकल साइंसेस में प्रकशित शोध से होती है। बेर के पेड़ की छाल और पत्ते का इस्तेमाल चेचक और खसरे के उपचार में लाभकारी है। एक अध्ययन के अनुसार, बांग्लादेश के पारंपरिक वैद्य बेर के पत्तों और छाल को उबालकर उस पानी को पीड़ित व्यक्तियों पर छिड़कते हैं। तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के पारंपरिक वैद्य भी बेर के पत्तों और छाल को उबालकर और उस पानी को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की सलाह देते हैं। इससे बदन दर्द में आराम मिलता है। इस फल को सुखाकर और पीसकर भी खाया जाता है। बेर के पेड़ के कोंपलों को छांव में सुखाकर इसका पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर को पानी में घोलकर बने मिश्रण का उपयोग विटामिन सी कमी से होने वाले रोग स्कर्वी के उपचार के लिए किया जाता है। एक अध्ययन बताता है कि बेर के पेड़ की छाल का पाउडर घाव के उपचार में कारगर है। बेर के पेड़ की जड़ से बना घोल दस्त और हैजा के उपचार में सक्षम है। ज़िज़िप्स निम्मुरालिया झड़बेरी के बेर व पत्तियो के फायदे -
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बेर में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है और यह ऊर्जा का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। पोषक तत्वों के साथ साथ यह एंटी-ऑक्सीडेंट के गुणों से भी भरपूर होता है।
अच्छी नींद के लिए –
अनिद्रा या बेचैनी से पीड़ित लोगों के लिए, झाडबेर के फल के बीज का अर्क एक अच्छा उपाय हो सकता है। इस फायदेमंद फल में मौजूद कार्बनिक यौगिकों के सुखदायक गुण शरीर और मन को शांत कर सकते हैं। इसलिए यदि आपको रात में नींद आने में कोई समस्या उत्पन्न होती है तो यह छोटा सा फल आपकी मदद कर सकता है।
बेर के गुण बनाएं रक्त परिसंचरण को बेहतर –
बेर लोहा और फास्फोरस दोनों का एक समृद्ध स्रोत है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। यदि आप अपने खून में आयरन की कमी या एनीमिया से पीड़ित हैं, तो आपको मांसपेशियों की कमजोरी, अपच और संज्ञानात्मक भ्रम जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। आप बेर की मदद से अपने लोहे और फॉस्फोरस सेवन को बढ़ाकर, रक्त के प्रवाह को बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार आप अंग प्रणालियों को अधिक प्रभावी ढंग से ऑक्सीजन भेज सकते हैं जिससे आपको ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हड्डियों के लिए –
कैल्शियम, फॉस्फोरस और लोहे जैसे खनिजों का सेवन बढ़ाकर, आप अपनी हड्डियों को लचीला और मजबूत बना सकते हैं। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ने लगती है तो हम ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं, इसलिए अपने आहार में बेरी फल को जोड़कर, आप इन इस समस्या को धीमा कर सकते हैं।
वजन कम करने में मदद –
वजन कम करने का प्रयास करने वाले लोगों के लिए फलों और सब्जियों का सेवन करना एक आम सुझाव होता है। बेर और एक अन्य भोजन है जिसे आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। कम कैलोरी और उच्च प्रोटीन और फाइबर स्तर के साथ बेर, आपकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इसके सेवन से आपका पेट भरा हुआ रहता है जिससे आप बार बार खाने से बच जाते है ।
प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए लाभकारी –
बेर कई अलग अलग तरीकों से प्रतिरक्षा प्रणाली को लाभ पंहुचा सकते हैं। बेर में विटामिन सी, विटामिन ए और विभिन्न जैविक यौगिक और एसिड सहित कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। विटामिन सी भी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है।
तनाव का उपचार –
बेर के सेवन का शरीर सुखदायक प्रभाव पड़ता है। इसमें चिंता को दूर करने वाले गुण होते हैं। बेर के तेल या फलों का सेवन करने से आपके हार्मोनल स्तर पर शांत असर पड़ सकता है। जो लोग नियमित रूप से तनाव या चिंता से पीड़ित रहते हैं, उन्हें कुछ ड्राई बेर का सेवन करना चाहिए।
कैंसर मे फायदेमंद –
बेर और कैंसर के बीच के विशिष्ट संबंधों को लेकर अभी भी शोध किया जा रहा है। लेकिन प्रारंभिक परिणाम इसमें मौजूद मिश्रित यौगिकों के बीच सकारात्मक संबंध को बताते हैं। और साथ ही साथ यह मुक्त कणों की गतिविधि में कमी और कैंसर कोशिकाओं को फैलने से भी रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कैंसर के साथ-साथ हृदय की बीमारी सहित अन्य बीमारियों को रोकने में भी मदद करते हैं।
थकावट को दूर करने के लिए –
इस फल के लाभों में से एक यह है कि यह ऊर्जा का एक शक्तिघर है। यह फल कैलोरी में कम होने के बावजूद, एक अच्छा ऊर्जा बूस्टर है। तो जल्दी से अपनी थकान से छुटकारा पाने के लिए इस फल का सेवन करें।
त्वचा के लिए लाभकारी –
बेर का रस और अर्क का उपयोग सोरायसिस, एक्जिमा और मुँहासे सहित त्वचा की विभिन्न समस्याओं के लिए किया जा सकता है। आप ये एक जैसे प्रभाव पाने के लिए बेर के फल का सेवन भी कर सकते हैं। यह झुर्रियों और निशानों को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही त्वचा को झुर्रियों से मुक्त और सक्रिय रखने में मदद करता है।
बेर का सेवन रखें पाचन को स्वस्थ –
फाइबर सामग्री के कारण यह फल भी शरीर के भीतर पाचन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यह कब्ज, ऐंठन, सूजन के साथ ही साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है ।
झाडबेर फल के फायदे रक्त की सफाई के लिए –
इस फल में पाए जाने वाले सैपोनिन और एल्कोनॉइड सीधे रक्त की शुद्धता और शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव बड़ी संख्या में रोगों को रोकने में मदद कर कर सकते हैं और प्रतिरक्षा और लसीका प्रणाली पर तनाव को कम कर सकते हैं।
छोटा “बेर” है बड़ी दवा, जानें इसके फायदे
बेर के फल, पत्ती, वृक्ष की छाल, गोंद आदि में औषधीय गुण पाए जाते हैं…
बेर के फल, पत्ती, वृक्ष की छाल, गोंद आदि में औषधीय गुण पाए जाते हैं। जी घबराने, उल्टी और गर्भावस्था में होने वाले पेटदर्द को रोकने में भी यह काफी फायदेमंद होता है।
आयुर्वेद के अनुसार बेर ह्वदय के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इन्हे खाने से बार-बार प्यास लगने की शिकायत नहीं रहती।
बेर को सुखाकर और बारीक पीसकर बनाया गया सत्तू कफ व वायु दोषों का नाश करता है।
आकार में छोटे-छोटे बेर खट्टे-मीठे होते हैं, इन्हें झड़बेर भी कहा जाता है। इन्हीं बेरों से सत्तू भी बनाया जाता है।
बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है।
बेर को छाछ के साथ लेने से घबराहट, उल्टी और पेटदर्द की समस्या में आराम मिलता है।
रोजाना बेर खाने से अस्थमा और मसूड़ों के घाव को भरने में मदद मिलती है।
इन्हें खाने से खुश्की और थकान दूर होती है। बेर और नीम के पत्ते पीसकर सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है
शब्द का अर्थ
झड़बेरी :स्त्री० [हिं० झाड़+बेर] १. जंगली बेर का वृक्ष। २. उक्त वृक्ष का फल। पद–झड़ बेरी का काँटा=ऐसा व्यक्ति जो सदा उलझने या लड़ने-भिड़ने को तैयार रहता हो और जिससे जल्दी पीछा छुड़ाना कठिन हो।
झरबेरी (जंगली बेर) |
झरबेरी के सेवन से मन प्रसन्न होता है। यह आमाशय और दिल को बलवान बनाता है। इसका सुखा हुआ चूर्ण कब्जकारक है, गर्मी की उल्टी और दस्तों में लाभकारी है। झरबेरी के पेड़ की छाल दांतों के दर्द और मुंह के छालों को दूर करती है।
रंग : झरबेरी का कच्चा फल हरे रंग का, पका फल लाल व पीले रंग का होता है।
स्वाद : इसका स्वाद खट्टा मीठा होता है।
स्वरूप : जंगली बेर मशहूर है। इसका पेड़ झाड़ियों, टीलों, और तराई के स्थानों में होता है।
स्वभाव : यह शीतल होती है।
पुराने जमाने मे बोर्टी (झाडबेरी) की जड़ जिसको रांग बोलते है, को गुड मे मिला कर देशी शराब बनाई जाती थी।
हानिकारक : इसका अधिक मात्रा में उपयोग करने से खांसी पैदा होती है।
दोषों को दूर करने वाला : झरबेरी में शक्कर डालें। इससे झरबेरी में व्याप्त दोष समाप्त हो जाते हैं।
मात्रा : 20 दाने।~~~~
झड़बेरी की पत्तियो का उपयोग चमत्कारी है :सुबह खाली पेट खा लें इस पेड़ की सिर्फ दो पत्तियां, होंगे अद्भुत फायदे
इंसान भले ही कितना ही तंदुरुस्त क्यों ना हो, जीवन में उसे कभी न कभी किसी न किसी बीमारी का सामना तो करना ही पड़ता है। ऐसे में उसे संबंधित दवाईयों से उस समस्या का उपचार करना पड़ता है। आमतौर पर लोग अंग्रेजी दवाईयों पर ही निर्भर रहते हैं, जो ज्यादातर महंगी तो होती ही हैं, साथ ही उसका कोई साइड इफेक्ट ना हो, इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में आयुर्वेद द्वारा चयनित जड़ी बूटियां ही हमारे लिए बेहद कारगर सिद्ध होती हैं, क्योंकि इसके नियमित सेवन से किसी तरह का साइडइफेक्ट नही होता
अगर आप भी डॉक्टर की महंगी फीस और तमाम तरह की दवाइयां आदि के झंझट में पड़ने से बचना चाहते हैं तो, रोजाना सुबह उठकर खाली पेट बेर की दो पत्तियां चबाना शुरू कर दें। अगर आप रोज़ाना नियम से इस प्रक्रिया को दोहराते हैं तो ऐसा करने के कुछ ही समय बाद आप खुद महसूस करेंगे कि आपको इससे कितना ज्यादा फायदा हो रहा है।
बेर के पत्ते खाने के फायदे
-पेचिश की समस्या
अगर आप पेचिश की समस्या से परेशान हैं तो इसके उपचार के लिए आप बेर के पत्तों को पानी में उबालकर उसे छानकर पी लें। इससे आपको इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
पैर के तलवों में जलन
अगर आप के पैर के तलवो मे जलन महसूस होती, जो ज़्यादातर शुगर के मरीजो को होती है जिससे निजात पाने के लिए आप बेर के पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पैरों के तलवों पर लगा लेने से तलवों की जलन से निजात मिल जाएगा।
-मोटापे की समस्या
अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो आप बेर के पत्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले बेर के पत्तों के साथ बेर का फल का भी सेवन करना है जो कि एक बहुत ही बेहतर औषधि माना जाता है। बता दें कि यदि आप नियम से प्रतिदिन बेर की पत्तियों का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर में बढ़ चुकी चर्बी काफी आसानी से कम हो जाती है और आपका स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है।
रात को एक गिलास पानी मे कुछ बेर के पत्ते या उसका बना पाऊडर मिला कर सुबहे भूखा पेट पानी को छान कर पीले।
-ब्लड प्रेशर की समस्या
अगर आप ब्लड प्रेशर
जैसी गंभीर बीमार से भी ग्रस्त हैं तो इसके इलाज के लिए आपको बेर के पत्तों का रस पीने से ब्लड प्रेशर की समस्या से भी राहत मिल सकती है। इस तरह की समस्या से राहत पाने के लिए बेर की पत्तियां बेहद ही फायदेमंद होती है।
मरु प्रदेश को झाडबेरी कुदरत का एक वरदान है।ये अनमोल तोहफा है कस्तुरी हिरण के नाभि मे है लेकिन उसको मालूम नही होता है।
झाडबेरी की हमे कम जानकारियां है । -- अल्लादीन निर्बाण
सोप नम्बर 1,2
निर्बाण भवन
अलखसागर रोड
बीकानेर।
7737341559