Thar पोस्ट, बीकानेर। राष्ट्रीयकृत बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन रोष फूट पड़ा।सरकारी बैंकों के निजीकरण की नीति के विरोध में यू एफ़ बी यू के बैनर तले देशभर के 1000000 सरकारी बैंक कर्मियों की हड़ताल का आज पहला दिन रहा। अधिकारी कर्मचारी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आज बीकानेर के सभी सरकारी बैंकों के सैकड़ों सदस्यों ने बैंक ऑफ बड़ौदा स्टेशन रोड शाखा से दुपहिया वाहन रैली निकाली। जिसमें बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों अधिकारियों ने भी भाग लिया। निजीकरण के खिलाफ और सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मियों ने अपने हाथ में तख्तियां ली हुई थी जिन पर निजीकरण के खिलाफ नारे लिखे हुए थे शहर के मुख्य मार्ग कोटगेट से केईएम रोड होते हुए कचहरी परिसर का चक्कर लगाते हुए कर्मचारी जिलाधीश कार्यालय के समक्ष पहुंचे। जहां के साथ जिलाधीश कार्यालय के सामने प्रदर्शन सभा हुई। सभा में एनसीपी से मुकेश शर्मा अधिकारी संगठन के मृत्युंजय एआईबीए के श्री रामदेव राठौड़ , जयशंकर जेपी वर्मा, एसडी नागल अक्षय व्यास आनंद जानी महिला कर्मचारियों में निर्मला गोदारा आदि ने संबोधित किया और बताया कि जो 2 दिन की हड़ताल पर गए हैं इससे पहले दिनांक 8 दिसंबर 10 दिसंबर 14 दिसंबर 15 दिसंबर को आइए और बैंकिंग संगठन के साथ केंद्रीय श्रम आयुक्त नई दिल्ली की वार्ता की गई सभी वार्ताएं विफल रही उसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला और सरकार बैंक कर्मियों को नहीं कर पाई संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाएगा इसी वजह से हड़ताल हुई जिसमें बीकानेर में अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ। समन्वयक वाई के शर्मा योगी ने बताया कि इस बार का बैंक आंदोलन इस वजह से विशिष्ट रहा कि यहां पर विभिन्न केंद्रीय श्रम संगठनों ने भी इसका समर्थन किया उसमें रेलवे कर्मचारियों के नेता श्री अनिल व्यास इंटेक्स रे श्री हेमंत किराडू एटक से रहमान कोरी सीटू से मूलचंद खत्री रोडवेज के गिरधारी लाल आदि संगठन के प्रतिनिधि इस रैली में शामिल रहे और उन्होंने समर्थन संबंध दिया हड़ताल के दूसरे दिन कल 17 दिसंबर को सभी बैंक कर्मचारी विरोध स्वरूप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पब्लिक पार्क शाखा के सामने जुलूस के रूप में जिलाधीश कार्यालय पर जाकर प्रदर्शन करेंगे एवं मानव श्रृंखला आयोजित कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं वाई के शर्मा संयोजक युवाओं ने सभी साथियों का आभार व्यक्त किया और सरकार को चेतावनी दी कि कर्मचारियों के धैर्य का इम्तिहान ना ले क्योंकि बैंक कर्मचारियों का यह आंदोलन केंद्र श्रमिक संगठनों के साथ संयुक्त आंदोलन के रूप में देश की सरकार के सामने आमजन के हितों के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस चुका है।और यह निश्चय कर चुका है कि 2 दिन के सांकेतिक हड़ताल का भी यदि सरकार की हठधर्मिता पर कोई असर नहीं गया तो सभी बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल से भी पीछे नहीं हटेंगे।