Thar पोस्ट, नई दिल्ली। आखिर मरने के बाद बैंक पैसे का क्या करता है ? सवाल यह है कि बचत खाते में नामांकन के बिना किसी व्यक्ति की मुत्यु हो जाती है तो क्या होता है। इस काम की खबर में ऐसी तीन तरह की स्थितियां क्या हो सकती है। पहली यह कि यदि किसी व्यक्ति का मरने वाले व्यक्ति के साथ एक संयुक्त खाता है तो खाते में मौजूद धनराशि को दूसरा व्यक्ति निकाल सकता है। वह इसलिए क्योंकि पूरा पैसा ज्वाइंट होल्डर को हस्तांतरित कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में मर चुके व्यक्ति का नाम अकाउंट से हटाने के लिए दउसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की एक कॉपी बैंक की ब्रांच में जाकर जमा करनी होगी। इसके बाद बैंक मर चुके व्यक्ति का नाम ज्वाइंट अकाउंट से हटा देगा। दूसरी यह कि यदि कोई नोमिनी होता है तो बैंक खाते में उपलब्ध पैसा नोमिनी व्यक्ति को देता है। पैसा सौंपने से पहले बैंक नामांकन और साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र की ओरिजनल कॉपी को जांच करता है। अगर नामांकन पर कोई विवाद है और विल यानि जो मृत व्यक्ति की इच्छाओं को व्यक्त करता है की प्रति बैंक में मौजूद होनी चाहिए। तो यह लंबी प्रक्रिया हो सकती है। पैसा प्राप्ति के समय बैंक दो गवाह मांगता है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पैसा असली नोमिनी को दिया गया है।
सबसे बड़ा सवाल कि नोमिनी न हो तो क्या होगा
यदि खाते का कोई नोमिनी नहीं है तो पैसा पाने के इच्छुक व्यक्ति को एक लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। उसे विल या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देना होगा। जिससे यह साबित हो कि मरने वाले का पैसा उसे मिलना चाहिए।
कोई क्लेम ही नहीं करे तो क्या होगा?
एक स्थिति यह भी है कि यदि बैंक खाते और पैसे पर कोई भी व्यक्ति दावा सा क्लेम नहीं करता है तो ऐसे में बैंक खाते को बंद करके उसे निष्क्रिय खाते में बदल सकता है। जैसे ही कोई व्यक्ति दावा करता है तो बैंक संबंधित बैंक खाते में उपलब्ध शेष राशि को कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित कर सकता है। लेकिन क्लेम नहीं होने की स्थिति में अकाउंट को निष्क्रिय खाते में बदला जाता है।