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Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। जिला प्रशासन और आयुर्वेद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय संभाग स्तरीय आरोग्य मेला शनिवार को एमएम ग्राउंड में शुरू हुआ। नगर निगम आयुक्त श्री मयंक मनीष और श्री श्याम पंचारिया ने भगवान धनवंतरी की पूजा अर्चना कर इसकी शुरुआत की। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में नगर निगम आयुक्त ने कहा कि आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का हमारी रोजमर्रा के जीवन में विशेष महत्व रहा है।

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन चिकित्सा पद्धतियों को नियमित प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल के पश्चात इनकी प्रासंगिकता और बड़ी है। मन, मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखने में योग और प्राणायाम महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें घरों, कार्यालयों और स्कूलों में औषधीय गुणों के पौधे लगाने और इनका उपयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बच्चियों में हीमोग्लोबीन और बच्चों में पोषण की कमी दूर करने में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज आयुर्वेद में नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं।

श्री श्याम पंचारिया ने कहा आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और दुनिया में आयुर्वेद का प्रचार हो रहा है। एक दौर में आयुर्वेद हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था। धीरे-धीरे हम इससे दूर होते गए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति हमारे ऋषियों-मुनियों के सदियों के शोध का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि आरोग्य मेले का व्यापक प्रचार-प्रचार करते हुए अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी के प्रयास किए जाएं।
आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक और मेला प्रभारी डॉ. घनश्याम रामावत ने स्वागत उद्बोधन दिया और मेले की गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मेले में आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ निःशुल्क सेवाएं दे रहे हैं। वहीं बाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ, काया चिकित्सा और गुर्दा रोग के इलाज की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। मेले के दौरान आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रतिदिन योग का प्रदर्शन किया जाएगा।
मेला सह प्रभारी और उपनिदेशक डॉ. प्रभु दयाल जाट ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. धर्मप्रकाश आर्य ने किया।

इससे पहले निगम आयुक्त और श्री पंचारिया ने मेले की सभी स्टाल्स का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों से फीडबैक भी लिया। इस दौरान सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय द्वारा राज्य सरकार की उपलब्धियों पर आधारित साहित्य वितरित किया गया। पहले दिन डॉ. हंसराज चौधरी ने जरावस्था और डॉ. जगदीश सेवदा ने होमियोपैथ पर व्याख्यान दिया। मेला 11 फरवरी तक प्रातः 11 से सायं 7 बजे तक आमजन के अवलोकनार्थ खुला रहेगा।

इस दौरान डॉ सुरेश सैनी, डॉ. जितेंद्र भाटी, डॉ. सुधांशु व्यास, डॉ. जे .पी चौधरी, डॉ किशन गोपाल चौधरी, डॉ संजय बुढ़ानिया, डॉ सागरमल शर्मा, डॉ मगन नाथ, अमित व्यास, डॉ. चंद्र शेखर श्रीमाली और मनोज व्यास आदि मौजूद रहे।


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