Thar पोस्ट, राजस्थान। हमारे देश मे हवाई सेवा की सच्चाई किसी दिलचस्प कहानी से कम नही है। एयर इंडिया की स्थापना 88 साल पहले टाटा समूह ने ही की थी। वर्ष 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के तौर पर एयर इंडिया की शुरुआत हुई थी। 1947 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया था और एक साल बाद इसका नाम बदलकर एयर इंडिया हो गया। 68 साल बाद एक बार फिर से टाटा ग्रुप, एयर इंडिया का मालिक बन गया है। भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) की शुरुआत 88 साल पहले टाटा ग्रुप के चेयरमेन ‘जहांगीर रतनजी ददभोय टाटा’ (JRD Tata) ने की थी और आज एक बार फिर से 88 साल पुराना इतिहास दोहराया गया है।15 अक्टूबर की तारीख भारतीय एविएशन सेक्टर (Indian Aviation Sector) की सबसे खास तारीख है, क्योंकि इसी दिन देश की पहली विमान सेवा (First Air Service of Country) शुरू हुई थी। इसे शुरू किया था जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने एक दक्षिण अफ्रीकी पायलट विंसेंट नेविल (Nevill Vintcent) के साथ मिलकर। तब इसके विमान वो दोनों खुद ही उड़ाते थे। अप्रैल 1932 में एयर इंडिया का जन्म हुआ था, उस समय के उद्योगपति जेआरडी टाटा ने इसकी स्थापना की थी, मगर इसका नाम एयर इंडिया नहीं था। तब इसका नाम टाटा एयरलाइंस हुआ करता था। टाटा एयरलाइंस की शुरुआत यूं तो साल 1932 में हुई थी मगर जेआरडी टाटा ने वर्ष 1919 में ही पहली बार हवाई जहाज तब शौकिया तौर पर उड़ाया था जब वो सिर्फ 15 साल के थे। फिर उन्होंने अपना पायलट का लाइसेंस लिया। मगर पहली व्यावसायिक उड़ान उन्होंने 15 अक्टूबर को भरी जब वो सिंगल इंजन वाले ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज को अहमदाबाद से होते हुए कराची से मुंबई ले गए थे। इस उड़ान में सवारियां नहीं थीं बल्कि 25 किलो चिट्ठियां थीं। यह चिट्ठियां लंदन से ‘इम्पीरियल एयरवेज’ द्वारा कराची लाई गईं थीं। ‘इम्पीरियल एयरवेज़’ ब्रिटेन का राजसी विमान वाहक हुआ करता था। टाटा एयरलाइंस के लिए साल 1933 पहला व्यावसायिक वर्ष रहा। ‘टाटा संस’ की 2 लाख की लागत से स्थापित कंपनी ने इसी वर्ष 155 पैसेंजरों और लगभग 11 टन डाक भी ढोई। टाटा एयरलाइन्स के जहाजों ने एक ही साल में कुल मिलाकर 160, 000 मील तक की उड़ान भरी। ब्रितानी शाही ‘रॉयल एयर फोर्स’ के पायलट होमी भरूचा टाटा एयरलाइंस के पहले पायलट थे जबकि जेआरडी टाटा और और विंसेंट दूसरे और तीसरे पायलट थे। 88 साल पहले देश की पहली विमान सेवा 15 अक्टूबर 1932 को शुरू हुई थी। जेआरडी टाटा और नेविल विंसेंट ने मिलकर टाटा संस लिमिटेड के तले ये विमान सेवा शुरू की गई थी। इसके बाद लंबे समय तक टाटा भारत के आकाश में अपनी विमान सेवा के साथ छाए रहे। आजादी के बाद भारत सरकार इसका अधिग्रहण कर लिया था। हालांकि, इसे नाम एयर इंडिया उससे पहले ही मिल चुका था। दरअसल, नेविल विंसेंट दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले थे। उन्होंने ब्रिटिश एय़रफोर्स में पायलट के तौर पर करियर शुरू किया था। रिटायर होने के बाद उन्होंने अंदाज लगा लिया था कि भारत में एविएशन सेक्टर के अब फलने-फूलने के दिन आ गए हैं। जेआरडी को ये योजना तुरंत पसंद आ गई।
बात बीकानेर में हवाई सेवा की। बीकानेर बेल्ट हवाई सेवा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। यहां डालमिया कम्पनी के जहाज उड़ा करते थे। थार राजपुताना हवाई अड्डे से लाहौर, करांची, मद्रास, बॉम्बे आदि केंद्र जुड़े हुए थे। प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सेवाएं थी। इससे जुड़े दस्तावेज बीकानेर के लालगढ़ पैलेस स्थित महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट के कार्यालय और राजस्थान राज्य अभिलेखागर में है। बीकानेर स्टेट गजट में अनेक विज्ञापन भी हवाई सेवा को लेकर प्रकाशित हुआ करते थे।