Thar पोस्ट, न्यूज। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा वैश्विक परिदृश्य में श्रीअन्न का परिप्रेक्ष्य विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि रामेश्वर लाल डूडी, अध्यक्ष राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड, राजस्थान सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 में मिलेट्स के प्रति जागरूकता तो बढ़ी है इसके साथ आवश्यक है कि सरकार मिलेट्स उत्पादकों को विभिन्न योजनाओं द्वारा प्रोत्साहन दे।
उन्होंने कहा कि मिलेट्स की संकर किस्मों से उत्पादन तो बढा है पर उपभोक्ताओं में देशी किस्म की मांग भी है, अत: इनका संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने मिलेट्स के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व निदेशक अनुसंधान, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर व पूर्व कुलपति, माधव विश्वविद्यालय, आबू रोड ने मिलेट्स की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि ईसा से लगभग 3500 वर्ष पूर्व भी हमारे पूर्वज मिलेट्स का उत्पादन करते थे तथा उनके पोषक गुणों से परिचित थे। विशिष्ट अतिथि डॉ. ए. के. सिंह, पूर्व कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर ने कहा कि विश्वविद्यालय एक क्षेत्र चिह्नित कर मिलेट्स फसलों का पार्क विकसित करे तथा खेत से प्लेट तक का मॉडल विकसित करे।
कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मिलेट्स फसल कम पानी में विपरीत परिस्थितियों में भी उगाई जा सकती है। विश्वविद्यालय पश्चिमी राजस्थान में इनका क्षेत्रफल बढ़ाने तथा मूल्य संवर्धन पर अनुसंधानरत है। राष्ट्रीय सम्मेलन की संयोजिका डॉ. विमला डुंकवाल ने बताया कि राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, और नई दिल्ली के वैज्ञानिक इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने मिलेट्स उत्पादों को “छोटे पैकेट बड़ा धमाका” बताते हुए उनके पौष्टिक गुणों पर प्रकाश डाला तथा काया को निरोगी रखने के लिए मिलेट्स के उपयोग पर जोर दिया।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता,निदेशक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। अतिथियों ने कार्यक्रम में दो पुस्तकों एवं एसकेआरएयू न्यूज लेटर का विमोचन भी किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजू राठौड़ ने किया तथा कुलसचिव अजीत कुमार गोदारा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।