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ScreenShot2020 08 19at5.45.42PM 26 घरों में पानी आपूर्ति को लेकर आई यह खबर Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट। बीकानेर में घरों में नियमित पेयजल के लिए अब इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हो रही है बीछवाल और शोभासर जलाशय में नहर का पानी आ गया। पीएचईडी साफ पानी देने का दावा कर रहा है, लेकिन हर साल नहरबंदी के बाद पानी की स्थिति को देखते हुए डाॅक्टर यही सलाह देते हैं कि या तो हफ्ते भर उस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल न करें और यदि करना भी हो तो उसे अच्छी तरह उबालने के बाद ही पीने के काम लें।
बीते 1 महीने से शहरवासी शोभासर और बीछवाल जलाशय में जमा पानी पी रहे थे। शुक्रवार से नहर से आने वाले पानी की सप्लाई के लिया कहा जा रहा था क्योंकि बीछवाल जलाशय गुरुवार को पूरी तरह खाली हो गया। इसलिए किसी भी सूरत में शुक्रवार से पानी सप्लाई करना बेहद जरूरी हो गया है। उधर, नहर से जलाशयों में पानी तो पहुंच गया लेकिन घरों में इंतजार है।एक दिन छोड़कर जलापूर्ति होने से शहरवासियों का धैर्य जवाब दे चुका है। शहर के करीब 2 दर्जन इलाकों में पानी की भारी किल्लत है। जैसे ही जलदाय विभाग का टैंकर सार्वजनिक स्थल पर पहुंचता है, वहां पानी भरने वालों की लंबी कतार लग जाती है। गुरुवार को शाम तक शहर के कई इलाकों में टैंकर चक्कर लगाते देखे गए। पीएचईडी का कहना है कि कटौती बंद होने का फैसला शनिवार को होगा। यदि फिल्टर सही रहे और पानी साफ हुआ तो रविवार से नियमित सप्लाई हो सकती है।
गुरुवार को नहर से आए गंदे पानी को पहले चार-पांच घंटे खेतों में छोड़ दिया ताकि कचरा व अन्य गंदगी पानी के साथ बाहर हो जाए। फिर फिटकरी से पानी को प्रोटेक्ट किया ताकि मिट्टी व दूसरे पार्टिकल नीचे बैठ जाएं। इसके बाद पानी को फिल्टर प्लांट में लिया गया। फिल्टर प्लांट से पानी छनकर बाहर आया। काफी हद तक साफ नजर आया।उसमें क्लोरीन मिलाई गई ताकि सभी हानिकारक तत्व खत्म हो जाएं। पीएचईडी की टीम ने बताया कि उसके बाद इस पानी को सप्लाई के लिए टंकियों में दिया जाएगा। दावा है कि प्रत्येक टंकी में फिर ब्लीचिंग मिलाई जाएगी ताकि रास्ते में किसी तरह की गंदगी मिल भी जाए तो वह ब्लीचिंग से खत्म हो जाए। कंवरसेन लिफ्ट के पांच स्टेशनों के 39 पंप 40 साल पुराने, नतीजा 36 घंटे बाद बीकानेर पहुंचा पानी
इंदिरा गांधी नहर की कंवरसेन लिफ्ट के पांच स्टेशनों के 39 पंप अब हांफने लगे हैं। यही वजह है कि सोमवार बिरधवाल हैड से बीकानेर के लिए छोड़ा गया पानी गुरुवार को पहुंचा जबकि इस पानी को बुधवार की सुबह ही पहुंच जाना चाहिए था। इंदिरा गांधी नहर प्रशासन ने 2 साल पहले सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था।
उसमें कहा गया था कि कंवरसेन लिफ्ट का संचालन ठेके पर दे दिया जाए क्योंकि यहां प्रतिवर्ष करीब 40 करोड़ रुपए सिर्फ बिजली का बिल आता है। ऊपर से पंप बदलने के लिए भी सरकार पैसा नहीं देती। एक पंप करोड़ों रुपए का आता है। इतना खर्च सरकार करने की स्थिति में नहीं है। सिर्फ बिल चुकाना ही मुश्किल हो रहा है। 2 साल पहले जब प्रस्ताव ठेके पर देने का मामला आगे बढ़ा तो टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इस बीच बीकानेर शहर की चिंता ये है कि अगर पंप कभी जवाब दे गए तो आधा शहर प्यासा ही रहेगा। बीते 2 साल से इंदिरा गांधी नहर प्रशासन कंवरसेन लिफ्ट को दुरुस्त करने में जुटा है।
उसका सबसे सुगम रास्ता नहर का ठेके पर देना था। क्योंकि ठेका लेने वाली कंपनी सबसे पंप बदलती, इससे उनका बिजली खर्च कम हो जाता और पानी न पहुंचने का जो संकट कभी भी खड़ा हो सकता है, उससे छुटकारा मिल जाता। आमजन को अब केवल नियमित आपूर्ति का इंतज़ार है।


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