ताजमहल का नाम लेते ही दुनिया की एक ऐसी तस्वीर सामने आती है जिसे आप और हम बचपन से देखते और सुनते आए हैं। संगमरमर का यह विश्व अजूबा आज भी कौतुहल का विषय बना हुआ है। ताजमहल से जुड़ी सच्चाई बयान करता एक ब्लॉग पूर्व मे प्रकाशित किया था। जो ब्लॉग लिख रहा हूं वह भी उसीसे जुड़ा मुद्दा है। पूछा जा सकता है इसे लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी। कुछ जिज्ञासु लोगों ने मोबाइल पर पूछा कि आखिर ताजमहल से जुड़े फरमान और राज बीकानेर में क्यों रखे गए हैं? इस प्राचीन शहर बीकानेर में ऐसा क्या है कि विश्व की अनूठी विरासत ताजमहल के फरमान यहां रखे गए है?
यह है एक बड़ी वजह
दरअसल भारत के पश्चिम में स्थित बीकानेर में राजस्थान राज्य अभिलेखागार का मुख्यालय है। अभिलेखागार का मुख्यालय अनेक भागों में बंटा है, लेकिन सारा नियंत्रण निदेशक द्वारा प्रशासनिक कार्यालय से किया जाता है। यहां पिछले एक दशक से अधिक समय से राजस्थान और इसकी प्राचीन रियासतों तथा राजस्थान के साथ अन्य राज्यों के साथ चले घटनाक्रम, युद्ध, संधियों, इतिहास से जुड़े दस्तावेजों का आधुनिक पद्धति से कम्प्यूटर से दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। इसमें ताजमहल से जुड़े फरमान भी है। इनकी सार-संभाल इस रीति से की जा रही है कि ये कभी खराब नहीं होंगे। इसके अलावा इन्हें ऑनलाइन भी किया गया है, अब अमरीका और यूरोप में बैठा व्यक्ति आनलाइन शोध कर सकता है। मैने ताजमहल से जुड़े फरमानों के बारे में पूर्व आलेख में बताया था कि ताजमहल के निर्माण के लिए कभी भी संगमरमर नहीं मांगा गया था। तत्कालीन राजधानी आगरा में भवनों के निर्माण के लिए संगमरमर मांगा गया था। इस बारे में फरमान मुगल बादशाह शाहंजहां ने आमेर शासक मिर्जा राजा जय सिंह को भेजे थे।
यह सपना पूरा नहीं हो सका
मुगल बादशाह शाहंजहां एक और ताजमहल बनवाना चाहता था, यह ताजमहल काले रंग था, ताकि लोग असली ताजमहल की खूबसूरती को ही निहारे और काले ताजमहल उसके सामने फीका लगे। लेकिन बादशाह शाहंजहां का यह सपना इसलिए पूरा नहीं हो सका था क्योंकि शाहंजहां के पुत्र औरंगजेब ने अपने पिता को कैद में डाल दिया था।
मैं तब हैरत में पड़ गया
मैने बचपन में ताजमहल के बारे में खूब सुना था और निर्णय किया कि ताजमहल को नजदीक से देखूंगा। कुछ वर्षों पहले मैं वहां गया। टिकट लेने के बाद मैने जैसे ही ताजमहल परिसर में प्रवेश किया तो मैं हैरान रह गया। देखने के लिए ताजमहल मेरी आंखों के सामने था, लेकिन वहां दूर तक फैले गार्डन के बीच जैसे-जैसे चल रहा था, वह दूर होते जा रहा था, मानो ऐसा लग रहा था कि बस यह कुछ ही दूरी पर है। अन्तत: मैने ताजमहल की मीनारों को हाथ से महसूस किया। ताजमहल का स्पर्श आज भी जेहन में हैं।
राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ. महेन्द्र्र खडग़ावत बताते हैं कि ताजमहल से जुड़े फरमान अब ऑनलाइन है। सभी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेजों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। इसमें विश्व धरोहर के फरमान भी शामिल है