शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किया गया। बजट इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस हमेशा वैसा ही करती है जैसा आम जनता उम्मीद करती है यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष् यशपाल गहलोत ने आज राज्य के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।यशपाल गहलोत ने कहा कि अशोक गहलोत द्वारा बेरोजगारी भत्ता बढ़ाना, नई नोकरियो और भर्ती की घोषणा, सड़को का नवीनीकरण,जिला मुख्यालयों पर नए मेडिकल कॉलेज, किसानों की कर्ज माफी और आमजनता के लिए शिक्षा स्वास्थ्य और विकास कि दिशा में बढ़ाये गए कदम यह साबित करते है कि अशोक गहलोत को जननायक क्यो कहा जाता है बजट शानदार और जानदार है|
शहर कांग्रेस प्रवक्ता नितिन वत्सस ने कहा कि आज पेश किए गए बजट का हर और स्वागत होना और सबको साधते हुए हर वर्ग कों खुश करना इस बजट की खासियत है आमजनता के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दर्शाता हुआ बजट यह साबित करता है कि कांग्रेस का शासन सिर्फ चंद रसूखदारों के लिए नही वरण सम्पूर्ण जनता के लिए होता है।
घोषणाओं के अतिरिक्त बजट में कुछ नही -अखिलेश प्रताप राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट को मात्र घोषणा बजट के रूप में याद किया जाएगा। अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी शहर जिला अध्यक्ष अखिलेश प्रताप ने कहा कि इस बजट में रोटी, रोजगार और मकान को स्थान नही मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की चल रही अत्यधिक लोकप्रिय भामाशाह स्वास्थ बीमा योजना को बंद कर 2 वर्ष बाद पुनः चालू कर लागू करना प्रदेश की जनता के दबाव के कारण संभव हो सका। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ भी राज्यसरकार ने पूरी तरह लागू नही होने दिया।
सिंह ने कहा कि किसानों के लिए प्रोत्साहन योजना पूर्वर्ती सरकार की योजना को नया अमलीजामा पहनाना मात्र है। प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि से एफपीओ व्यवस्था को लागू करना केन्द्र सरकार के कृषि कानून के सुधार का अंग है। जिला अध्यक्ष ने कहा सरकार का प्रदेश में निवेश को लाने,औद्योगिक विकास के लिए कोई ठोस योजना इस बजट में सामने नही आई।
इस बजट में घोषणाओं के अतिरिक्त कुछ भी विशेष नही है,जिनका हश्र भी गत वर्ष की घोषणाओं की तरह ही होगा। प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा किसान आज भी कर्ज माफी का इंतज़ार कर रहे है, दूसरी ओर प्रदेश के 27 लाख बेरोजगार युवा अभी भी बेरोजगारी भत्ते मिलने के इंतज़ार में बैठे है।
बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल सचिव वीरेंद्र किराड़ू, कुंदनमल बोहरा, नरेश मित्तल, दिलीप रंगा, राजाराम सारड़ा व निर्मल पारख द्वारा राज्य बजट पर अपनी मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दते हुए इसे संतुलित बजट बताया जिसमें बीकानेर के हित के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत किया गया और साथ ही कोरोना काल से जूझ रही औद्योगिक इकाइयों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए भी और अधिक छूट की आशा बजट से थी जिनकी बजट में अनदेखी की गयी है।
सराहनीय घोषणाएं
बीकानेर जिला उद्योग संघ की लंबित मांग बीकानेर को मिनी फ़ूड पार्क देना स्वागत योग्य है।
कृषि जिंसों पर मंडी टेक्स, कृषक कल्याण शुल्क कम करना व आढत कम करना स्वागत योग्य है।
उद्योग व व्यापार जगत के सभी विवाद सुलझाने हेतु बीकानेर में वाणिज्यिक न्यायालय खोने की घोषणा स्वागत योग्य है।
5 लाख रूपये तक स्टार्टअप सहायता व लघु उद्यमियों को 50 करोड़ तक की ब्याज सब्सिडी की घोषणा स्वागत योग्य है।
वैटरनरी विश्वविद्यालय के अधीन डेयरी महाविद्यालय खोलने की घोषणा स्वागत योग्य है।
डीएलसी रेट व स्टांप डयूटी कम करना स्वागत योग्य है।
निराशासोलर पर किसी भी तरह की सब्सिडी व केंद्र सरकार की नेट मीटरिंग से ग्रोस मीटरिंग की योजना को लागू ना करने की घोषणा निराशाजनक है |
पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करने की घोषणा ना करना निराशाजनक है।
उद्योग व व्यापार हेतु बिजली की दरों में कमी ना करना निराशाजनक है |कृषि जिंसों पर अन्य राज्यों की तरह मंडी शुल्क 50 पैसे करने व कृषक कल्याण शुल्क को हटाने की घोषणा ना करना निराशाजनक है।
राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)
उच्च शिक्षा की दृष्टि से आज प्रस्तुत प्रदेश के बजट ने निराश ही किया है।पिछले वर्षों में खोले गए महाविद्यालयों के आधारभूत ढांचे के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए कोई बजटीय प्रावधान नहीं किया गया है।लगभग 31 नए महाविद्यालय और खोलने का प्रस्ताव है, इनमें चार महाविद्यालय (उप) चुनावी वातावरण से प्रेरित हैं, जिनकी पूंजीगत परिसंपत्तियों हेतु कोई बजट नहीं दिया गया है, यानी उच्च शिक्षा का भौतिक परिदृश्य और नीचे ही जाता दिख रहा है।
पिछली सरकार के कार्यकाल में 2018 में 870 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की वित्तीय स्वीकृति के पश्चात भर्ती हेतु अभ्यर्थना भेजी गई थी, उसी प्रस्ताव के संशोधित आधार वर्तमान में लोक सेवा आयोग में भर्ती प्रक्रिया प्रस्तावित है। इसके बाद 88 कॉलेज नये खोल दिए गए, 31 अगले सत्र में प्रस्तावित हैं, कई शिक्षक रिटायर हो गए, वर्तमान शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आधार पर भी लगभग 3000 महाविद्यालय शिक्षकों की भर्ती की आवश्यकता थी, लेकिन इस बजट में अलग से कोई घोषणा नहीं की गई है।
शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती बारे में भी कोई उल्लेख बजट में नहीं है।नई भर्ती के स्थान पर विद्या संबल योजना के नाम से गेस्ट फैकेल्टी लगाने का प्रस्ताव है, जो नेट-पीएचडी योग्यता के बेरोजगारों के साथ मजाक है ।जोधपुर में नई फिनटैक डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की बात है लेकिन इसके कोर्सेज निजी क्षेत्र के साथ मिलकर चलाए जाएंगे, यानी राज्य में उच्च शिक्षा के निजीकरण की ओर कदम बढ़ाए गए हैं।
राज्य वित्त से पोषित विश्वविद्यालयों में आधारभूत ढांचे हेतु सहायता के लिए दो-तीन को छोड़कर बाकी के निराशा ही हाथ लगी है। शिक्षकों की कमी के गंभीर संकट को झेल रहे विश्वविद्यालयों के लिए बजट में कोई राहत भरी बात नजर नहीं आई है।डॉ दिग्विजय सिंह अध्यक्ष
डॉ नारायण लाल गुप्ता महामंत्री
घोषणाओं का पुलिंदा बजट पिछली घोषणाओं पर भी काम नही इन पर कैसे विश्वास-कामिनी भोजक मैया
आज राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा पेश किया गया बजट सिर्फ घोषणाओं का पुलिंदा है आम जनता को इसमें कोई राहत नही है रसोई का जायका महंगाई के बहाव मे खोता जा रहा है
आज मुख्यमंत्री से उम्मीद थी कि वे पेट्रोलियम और घरेलू गेस के दाम कम कर एक बड़े वर्ग को राहत देंगे लेकिन ऐसा नही हुआ मध्यमवर्गीय, निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के हालात सुधरने की बजाय बिगड़ेंगे
नोकरियो की घोषणाओं और भत्तो की घोषणाओं की बात करे तो यह मात्र छलावा है क्योंकि वर्तमान राज्य सरकार अपनी पुरानी घोषणाओं को भी लागू नही कर पाई है तो नई पर भरोसा किस आधार पर किया जाए|
बीकानेर के लिए भी कोई ठोस योजना या घोषणा ना करना यह साबित करता है कि काँग्रेस सरकारे बीकानेर के साथ सौतेला व्यवहार करती आई है और करती रहेगी।