Tp न्यूज़। बीकानेर में भी कोरोना ने अंदर ही अंदर पांव पसार लिए है। बीकानेर के मुरलीधर व्यास नगर, बड़ा बाजार और गंगाशहर क्षेत्र में एक बार फिर कोरोना रोगी मिलने शुरू हो गए हैं। मंगलवार देर रात जारी रिपोर्ट में कोरोना के पांच पॉजिटिव केस मिले हैं, जिसमें एक मुरलीधर व्यास नगर के साठ साल के पुरुष, बड़ा बाजार का 36 साल का पुरुष है गंगाशहर के तीन केस पॉजिटिव हैं, जिसमें दो पुरुष 35 व 40 वर्ष के और एक महिला 40 वर्ष की है। पांच में से चार युवकों को कोरोना ने अपनी जद में लिया है। मंगलवार को जांच कराने वाले करीब 400 लोगों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या पांच रही है। बीकानेर में घरों में संक्रामक रोगियों की संख्या फिर से बढ़ रही है। निमोनिया, खांसी, सिरदर्द के रोगी बढे है जिनमे कोरोना की पुष्टि हो रही है बता दे कि नवम्बर से जनवरी के बीच अनेक प्रवासियों का बीकानेर आना हुआ। और कोरोना गाइड लाइन की वर्तमान में कही भी पालना नहीं हो रही।फरवरी के 23 दिन तक तो महज छह पॉजिटिव केस थे, लेकिन बुधवार को यह संख्या बढ़कर डबल डिजिट 11 तक पहुंच गई है।
कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण इससे अलग हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि नए स्ट्रेन की उत्पत्ति कोरोना में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की वजह से हुई है।कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन में मिले सात अहम लक्षण
नए स्ट्रेन के लक्षण भी पुराने कोरोना वायरस से कुछ अलग पाए गए हैं। ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने नए स्ट्रेन के सात अहम लक्षणों के बारे में बताया है।
क्या हैं लक्षण
शरीर में दर्द एवं पीड़ा, गले में खराश, आंख आना, सिरदर्द, डायरिया, त्वचा पर रैशेज पड़ना, पैर की उंगलियों का रंग बिगड़ना कोरोना के नए स्ट्रेन के मुख्य लक्षण हैं। कुछ अन्य शोधकर्ताओं ने भी इसकी पुष्टि की है। शोधकर्ताओं ने विस्तृत आंकड़ों का भी अध्ययन किया है। इसमें उन्होंने पाया कि कोरोना की प्रकृति में पहला बदलाव सितंबर में ब्रिटेन के केंट में दर्ज किया गया था। कोरोना वायरस का दूसरा पैटर्न दक्षिण अफ्रीका में मिला था। इसके बाद दुनिया के कई देशों में कोरोना का यह स्ट्रेन मिल चुका है।
अनुवांशिक कोड में भी बदलाव
वायरस की प्रकृति में चार नए बदलाव देखे गए हैं। इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक कोड में छह बदलावों की भी खोज की है। इसके 12 में से नौ परिवर्तनों को गंभीर माना जाता है। उन्होंने ने नए स्वरूप के आनुवंशिक कोड में छह बदलावों का उल्लेख किया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आनुवंशिक कोड में परिवर्तन मामूली हैं, लेकिन 12 अन्य जीनों का प्रभाव गंभीर हो सकता है।