


Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। मदरसों में कथित अनियमितताओं को लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के क्षेत्रीय संयोजक अयूब कायमखानी ने चौकाने वाले तथ्य प्रस्तुत किये है। आज यहां पत्रकारों से रूबरू होते हुए कामयखानी ने दावा किया है कि जिले में 95 मदरसे है। इनमें से 10 मदरसों में शून्य नामांकन है। इसमें से चार तो बंद हो चुके है और 6 को बंद करने की अनुशंसा की गई है। कायमखानी ने कहा कि जिले में सात मदरसों के हालात ऐसे है। जहां छात्र संख्या ज्यादा होने के बावजूद मदरसा टीचर्स नहीं है। इनमें जिले के एक मात्र मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के मदरसे भी शामिल है।



उन्होंने बताया कि बीकानेर के दो, जामसर, केला, लूणकरणसर, खाजूवाला और श्रीडूंगरगढ़ के मदरसों में छात्र संख्या अधिक होने के बाद भी टीचर्स नहीं है। जबकि 6 मदरसे ऐसे है,जहां छात्र संख्या से अधिक टीचर्स है। कायमखानी का आरोप है कि स्थानीय अल्पसंख्य अधिकारी व मदरसा बोर्ड के पदाधिकारियों की मिलीभगती से अनुबंध समाप्त हुए मदरसा टीचर्स को ज्वाइनिंग देकर वेतन व अन्य परिलाभ दिए जा रहे है। जिसकी शिकायत करने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड में 5562 पैराटीचर्स की नियुक्ति में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। पैराटीचर्स को स्वयं के सत्यापन पर नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे।कुछ पैराटीचर्स ने सरकारी पैसे से विदेश यात्रा की।उन्होंने कई साल पूर्व मदरसा बोर्ड की नौकरी छोड़ चुके टीचरों को पुन:फर्जी तरीके से दस-दस लाख रूपये लेकर नियुक्ति देने,दोहरे नामांकन कर लाभ लेने,पोशाक वितरण में घोटाला करने,बोर्ड के पूर्व सचिव व कैशियर द्वारा 27 लाख का गबन करने का आरोप लगाते हुए घोटाले करने वालों के खिलाफ एफआरआर दर्ज करवाने की मांग की है। पत्रकार वार्ता में इमरान कायमखानी,सलीम जोइया,लियाकत अली व अनवर अली भी मौजूद रहे।
अधिकारी उपलब्ध नहीं करवा रहे सही जानकारी
कायमखानी का आरोप है कि जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी पिछले एक वर्ष से सरकार की ओर से मांगी जा रही जानकारियां राजस्थान मदरसा बोर्ड जयपुर भेजने में कोताही बरत रहे है। जिसके कारण सरकार तक और बोर्ड तक तथ्यात्मक रिकार्ड नहीं पहुंच रहा है। जबकि शिक्षा मंत्री अनेक आरोपों की जांच के आदेश दे चुके है।
अनुपस्थित रहे फिर भी उठाया वेतन
कायमखानी ने बताया कि केला गांव में 2013 में नियुक्ति हुए शफीउल हसन कादरी ने अपनी नियुक्ति के बाद से मदरसा जाना बंद कर दिया था और लगातार 2016 तक अनुपस्थित रहने के बाद भी मानदेय उठाता रहा। इतना ही नहीं उसने मदरसे के फर्जी लेटरहैड,मोहर एव मदरसे के अध्यक्ष व सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर मानदेय उठाया। इसकी शिकायत के बाद इसकी संविदा को खत्म करने के आदेश अल्पसंख्य अधिकारी ने जारी किये। वहीं कुम्हारवाला में अक्टुबर 2023 में नियुक्ति लेने वाले जावेद कादरी भी कभी मदरसा नहीं गये। जबकि नियमानुसार सात दिनों तक अनुपस्थित रहने पर अनुबंध स्वत:समाप्त हो जाता है। पर इसको भी बीकानेर में एक अन्य मदरसे ने पुन:नियुक्ति दे दी।
यहां है बच्चों की संख्या से ज्यादा टीचर,यहां कम
सलीम जोइया ने बताया कि जिले में ऐसे कई मदरसे में है। जहां बच्चों की संख्या के अनुरूप कम और ज्यादा टीचर्स है। इनमें मदरसा फाजल शाह पीर दरगाह,मदरसा चिश्तिया,मदरसा जामियातुल गोशिया मोहल्ला खटीकान,मदरसा इस्लामिया शिक्षण समिति,मदरसा रहिमीया फैजुल उलुम और मदरसा गरीब नवाज में बच्चों की संख्या से ज्याद मदरसा टीचर्स है। तो मदरसा चुनगरान,मदरसा हुसैनी और मदरसा गरीब नवाज बुनियादी में बच्चे नाम मात्र के है। जिनके टीचरों का समायोजन जरूरी है। वहीं मदरसा हमालान,मदरसा इस्लामिया डारान,इस्लामिया गोसिया और तामिमुल इस्मलान मदरसे बंद हो चुके है।

