


Thar पोस्ट न्यूज। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन का निधन हो गया। उन्होंने बंगलूरू में अंतिम सांस ली। वे 84 वर्ष के थे। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा।



अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रणेता प्रोफेसर के. कस्तूरीरंगन जी के निधन पर अपनी गहन संवेदना एवं श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
प्रो. कस्तूरीरंगन जी का जीवन नवाचार और भारत के नवनिर्माण के लिए समर्पित था। इसरो के पूर्व अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी बनाया और जब शिक्षा नीति के नव निर्माण की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई, तो उन्होंने दूरगामी सोच, भारतीय परंपरा, वैश्विक दृष्टिकोण और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत समन्वय प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 केवल एक दस्तावेज़ मात्र नहीं है, बल्कि यह उनके द्वारा देखा गया एक ऐसा स्वप्न है, जिसमें प्रत्येक भारतीय बालक-बालिका को गुणवत्तापूर्ण, समावेशी, मूल्यनिष्ठ और कौशल आधारित शिक्षा प्राप्त हो सके।
वे उच्च चिंतनशील, सरल व्यक्तित्व वाले, अध्यात्मिक मूल्यों से जुड़े तथा राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत थे। उनके विचार, जीवन मूल्यों और कार्यशैली से हम सभी को सतत प्रेरणा मिलती रहेगी।
शैक्षिक महासंघ उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी धरातल पर पूर्ण रूप से लागू करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे तथा उनके परिजनों एवं अनुयायियों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दे।




