


Thar पोस्ट न्यूज, बीकानेर। मरीजों को 24 घंटे बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध : अंबरीश कुमार। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अंबरीश कुमार सोमवार को बीकानेर दौरे पर रहे इस दौरान अंबरीश कुमार ने सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक, हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल, मनोरोग विभाग, ट्रॉमा सेंटर का सघन निरिक्षण कार चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लिया, निरिक्षण के दौरान प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी, पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार, एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली धवन, ह््रदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पिंटू नाहटा, मनोरोग विभाग अध्यक्ष डॉ. हरफूल बिश्नोई, अस्थि रोग विभागध्यक्ष डॉ. बीएल खजोटिया, डॉ. गौतम लूणीया, डॉ.जितेन्द्र आचार्य साथ रहे.।




निरिक्षण के पश्चात अंबरीश कुमार ने दोपहर तीन बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक लगातार 5 घंटे मेडिकल कॉलेज सभगार में समस्त एचओडी, प्रभारी अधिकारियों की बैठक ली, इस दौरान अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य ने चिकित्सा शिक्षा सचिव को पॉवर पॉइण्ट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से क्रमवार विभागीय जानकारी से अवगत करवाया, बैठक के दौरान अंबरीश कुमार ने विभागाध्यक्षों की राय जानी और कहा कि पीबीएम के डॉक्टर्स चिकित्सा क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे है यहां आवश्यकता है तो कुशल प्रंबधन की इसके लिए स्कील्ड एवं विषय विशेषज्ञों की सेवा लेने का सुझाव दिया।
बैठक के दौरान डॉ.़ अंबरीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दिए जाने हेतु प्रतिबद्ध है अतः किसी भी सुरत में राजकीय अस्पताल में आने वाले मरीजों को बाहर जाकर जांचे नहीं करवानी पडे और दवाईयां नहीं खरीदनी पडे इस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान इन निर्णयों पर हुआ विमर्श :
1.डॉक्टर्स के लिए राजकीय अवकाश को एच्छिक अवकाश में बदलने एवं अवकाश न लिए जाने पर मानदेय दिए जाने तथा अवकाश के दिन भी ओपीडी समय को दो घंटे से बढाकर 6 घंटे करने पर विचार किया गया।
- मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध एसडीएम जिला अस्पताल तथा गंगाशहर सैटेलाइट अस्पताल में यूनिट सिस्टम लागू करने पर विचार किया गया ताकि पीबीएम जैसी सुविधाएं इन अस्पतालों में भी मरीजों को मिल सकें।
- सैम्पल कलेक्शन का समय ओपीडी समय तक करने के संबंद्ध में विचार किया गया ताकि ओपीडी समय तक मरीजों के खून का सैंपल लिया जा सकें।
- उपलब्ध मानव संसाधनों तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग लिया जाए ताकि मरीजों को परेशानी कम से कम हो।
- चिकित्सकीय प्रबंधन के साथ साथ प्रशासनिक व्यवस्थाएं सुधारने पर जोर दिया जाना चाहिए इसके लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव ने पीबीएम अधीक्षक तथा एसपीएमसी प्राचार्य को घर पर मरीज नहीं देखने और फुल टाइम प्रशासनिक व्यवस्था पर जोर देने का सुझाव दिया।
ये रहे बैठक में उपस्थित :
चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार की बैठक में उप सचिव डॉ. मुकेश, अतिरक्ति निदेशक डॉ. रश्मि, एसपीएमसी प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी, अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. एनएल महावर, अतिरक्ति प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य, पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेन्द्र कुमार, एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली धवन, जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील हर्ष, वित्तीय सलाहकार राजेन्द्र खत्री, डॉ. रंजन माथुर, डॉ. तरूणा स्वामी, डॉ. पिण्टू नाहटा, डॉ. देवेन्द्र अग्रवाल, डॉ. विनोद छिंपा, डॉ. मनोहर लाल दवां, डॉ. नीती शर्मा, डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल , डॉ. हरफुल बिश्नोई, डॉ. गिरिश प्रभाकर, डॉ.संजय कोचर, डॉ. श्रीगोपाल गोयल, डॉ. एलके कपिल, डॉ. दीपशिखर आचार्य, हरिश स्वामी, नथमल पारीक सहित अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।
चिकित्सक शिक्षकों ने किया सचिव अंबरीश कुमार का स्वागत : संगठन से जुड़ी मांगों से करवाया अवगत
श्री अंबरीश कुमार ,सेक्रेटरी, चिकित्सा शिक्षा (राजस्थान सरकार) के सोमवार को बीकानेर प्रवास के दौरान सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले कॉलेज के वरिष्ठ प्रदर्शको ने अपनी विभिन्न मांगों के लिए ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान एसोसिएशन के सचिव डॉ. विवेक सामौर, सदस्य डॉ. विनोद छीपा, वरिष्ठ प्रदर्शक डॉ शैली चुग, डॉ.मोनिका चौधरी, डॉ. चंद्रपाल ,डॉ. अरुण शर्मा इत्यादि मौजूद रहे। इस बाबत पूर्व में प्रधानाचार्य एंव नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी के द्वारा राज्य सरकार को ज्ञापन भेजा गया था।
आज श्रीमान सेक्रेटरी के बीकानेर प्रवास को देखते हुए वरिष्ठ प्रदर्शको ने एसोसिएशन के माध्यम से पुनः अपनी जायज मांगों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया,जिस पर सेक्रेटरी महोदय द्वारा सकारात्मक रुख अपनाया गया। और उनकी मांगों का उचित समाधान किये जाने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा एसोसिएशन ने अपनी अन्य मांगों हेतु भी ज्ञापन सौपा, जिसमें चिकित्सक शिक्षको को हर माह धुलाई भत्ता, टेलीफोन भत्ता एंव कोरोना काल में की गयी ड्यूटी का मानदेय दिये जाने की मांग की गई। इस बारे में भी सेक्रेटरी महोदय द्वारा उचित समाधान करने का आश्वासन दिया गया। चिकित्सक शिक्षकों के साथ करीब आधा घण्टे व्यतित करने के दौरान सकारात्मक वातावरण में बातचीत की गई और उनकी मांगों का उचित समाधान किए जाने का भरोसा दिलाया गया।




