


Thar पोस्ट न्यूज। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान (उच्च शिक्षा) द्वारा आर.वी.आर.ई.एस. शिक्षकों को व्याख्याता से आचार्य, सह-आचार्य एवं सहायक आचार्य पदनाम प्रदान किए जाने के उपलक्ष्य में एक भव्य अभिनंदन समारोह का आयोजन राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर स्थित देरा श्री सदन में किया गया।



समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नारायण लाल गुप्ता ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलगुरू प्रोफेसर अल्पना कटेजा, प्रदेश महामंत्री प्रो. रिछपाल सिंह तथा प्रदेश अध्यक्ष प्रो. मनोज बहरवाल उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में डॉ. बैरवा ने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि प्रदेश के 600 महाविद्यालय शिक्षकों को सीएएस का लाभ शीघ्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 के तृतीय एवं चतुर्थ संशोधन को राज्य में लागू किया जाएगा और पात्र शिक्षकों को सीएएस लाभ उनकी पात्रता तिथि से उपलब्ध कराया जाएगा।
शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने अपने वक्तव्य में बताया कि यह उपलब्धि संगठन के दीर्घकालीन संघर्ष एवं निरंतर प्रयासों का परिणाम है। प्रदेश महामंत्री प्रो. रिछपाल सिंह ने समारोह के दौरान संवेदनशील राज्य सरकार एवं उपमुख्यमंत्री जी का आर.वी.आर.ई.एस. शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन व अन्य शिक्षक समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए आभार ज्ञापित किया व उच्च शिक्षा मंत्री जी का ध्यान महाविद्यालय शिक्षकों की अन्य महत्वपूर्ण मांगों की ओर आकर्षित किया, जिनमें राजसेस महाविद्यालयों का नियमितीकरण, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पी.टी.आई. के सीएएस प्रकरण, पेंशन की विसंगति को दूर करने आदि प्रमुख रहे।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज बहरवाल ने कहा कि वर्षों से लंबित यह प्रकरण उपमुख्यमंत्री दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति के कारण ही संभव हो पाया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सरोज कुमार एवं आभार प्रदर्शन डॉ. अतुल अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए 220 से अधिक आरवीआरईएस शिक्षक उपस्थित थे।




