


Thar पोस्ट। एक युवक को केवल इसलिए निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उसने प्यासे चीतों को पानी पिलाया। मध्य प्रदेश के एक शख्स का 5 चीतों को पालतू जानवर की तरह पानी पिलाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।




ये 5 चीतें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से भागे हुए थे जिनमें से एक मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावक शामिल थे. युवक कैन से पानी एक बर्तन में उड़ेलता है और चीतें किसी पालतू जानवर की तरह बर्तन से पानी पीते हैं।
वन विभाग के लिए किराए पर ली गई चीता ट्रैकिंग टीम की गाड़ी के ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर ने ज्वाला और उसके शावकों को पानी पिलाया. हालांकि, यह कार्य करते समय वह चीतों के बेहद करीब गया, जो प्रोटोकॉल के खिलाफ था.
कूनो नेशनल पार्क से भागी मादा चीता ज्वाला और उसके 4 शावकों को लेकर वन विभाग ने आस-पास के गांव वालों को चीतों के बारे में आगाह किया था. गांव वालों को चीतों से सावधान रह उनसे उचित दूरी बनाए रखने और खाना पीना न खिलाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद से वन विभाग के कर्मचारी का ये वीडियो उसपर भारी पड़ गया और विभाग ने युवक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
बढ़ते तापमान के बीच कूनो नेशनल पार्क के चीतों को पार्क से सटे हुए गांव का इलाका खूब पसंद आ रहा है. पार्क से अपने शवकों के साथ भागी मादा चीता गांव के एक किसान के खेत में बैठी थी, तभी वन विभाग का कर्मचारी चीतों के करीब पहुंचता है और उनके पास पानी से भरा बर्तन रख देता है। घटना के बाद से चीतों और ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल किए जा रहे हैं।
कूनो प्रबंधन अक्सर इनकी सुरक्षा को लेकर दावे करती नजर आती है लेकिन इस घटना ने सारे दावे के पोल खोल दिए हैं। अब सवाल यह है कि चीता प्रोजेक्ट पर सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर रही है लेकिन पानी की तलाश में ये अन्य गांवों में जा रहे है साफ है कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लापरवाह है जो उनके लिए पेयजल की सुविधा तक उपलब्ध नही करवा पा रहे।
इस बारे में नेशनल पार्क के डीएफओ ने कहा, “वीडियो हमारे संज्ञान में आया है और इसकी जांच चल रही है. हमने किसी स्थायी कर्मचारी को न तो सस्पेंड किया है और न ही हटाया है. यह अनुबंधित गाड़ी का ड्राइवर था, जिसे नियमों के उल्लंघन के कारण हटाया गया.”
चीतों से उचित दूरी बनाए रखने और उन्हें संभालने के लिए केवल प्रशिक्षित और अधिकृत कर्मचारियों को ही अनुमति है. ड्राइवर ने न केवल करीब जाकर पानी पिलाया, बल्कि वीडियो बनाकर उसे सार्वजनिक करना भी अनुशासनहीनता माना गया. कूनो प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि चीतों की सुरक्षा और प्रोटोकॉल का पालन सर्वोपरि है, और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




