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IMG 20241023 101608 44 बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में आंतरिक मूल्यांकन परीक्षाएं 13 फरवरी से Bikaner Local News Portal राजस्थान
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Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक अभ्यास सत्र शुरू।बेसिक पी.जी. महाविद्यालय में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय स्नातक एवं स्नातकोत्तर सेमेस्टर कक्षाओं के लिए आंतरिक मूल्यांकन परीक्षाएँ दिनांक 13 फरवरी 2025 से प्रारंभ की जा रही है। सभी परीक्षाएं महाविद्यालय परिसर में निर्धारित समय-सारणी के अनुसार आयोजित की जाएंगी। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य है, क्योंकि यह उनकी शैक्षणिक प्रगति का मूल्यांकन करने और पाठ्यक्रम की गहन समझ विकसित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

यह मूल्यांकन न केवल अंतिम परीक्षा में अंकों का योगदान करता है, बल्कि छात्रों की नियमितता, अनुशासन और विषयगत ज्ञान को भी परखता है। आंतरिक मूल्यांकन के माध्यम से विद्यार्थी अपनी कमजोरियों की पहचान कर उन्हें सुधारने का अवसर पाते हैं। महाविद्यालय द्वारा इसे अनिवार्य बनाना विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के प्रति जिम्मेदार और सक्रिय बनाए रखने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। डॉ. पुरोहित ने यह भी बताया कि महाविद्यालय द्वारा स्वयंपाठी विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक अभ्यास सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रायोगिक ज्ञान प्रदान करना और पाठ्यक्रम के व्यावहारिक पहलुओं को सुदृढ़ करना है। यह अभ्यास सत्र महाविद्यालय की प्रयोगशालाओं में आयोजित किए जाएंगे। सभी स्वयंपाठी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि वे निर्धारित तिथियों पर आवश्यक उपकरण और सामग्री के साथ उपस्थित हों। यह अभ्यास कार्य मुख्य परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए अनिवार्य है। विस्तृत जानकारी के लिए महाविद्यालय कार्यालय से संपर्क करें।
महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास ने बताया कि आंतरिक मूल्यांकन परीक्षाएं विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता और समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह परीक्षाएं न केवल छात्रों की नियमितता और पाठ्यक्रम की समझ को परखने का माध्यम हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और अनुशासन को भी विकसित करती हैं। श्री व्यास ने कहा कि आंतरिक मूल्यांकन के माध्यम से विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को पहचानकर उनमें सुधार कर सकते हैं, जिससे उनकी मुख्य परीक्षा की तैयारी और प्रदर्शन में सुधार होगा। श्री व्यास ने सभी विद्यार्थियों को इन परीक्षाओं में पूर्ण गंभीरता और ईमानदारी के साथ भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।


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