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Tp न्यूज़। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने राज्य सरकार द्वारा खोले गए नए 37 महाविद्यालयों में शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों तथा भवन निर्माण व रिपेयर हेतु वित्तीय स्वीकृति नहीं देने का विरोध करते हुए संशोधित आदेश निकालने की मांग की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष नए खोले गए महाविद्यालयों में किसी तरह के पदों की वर्तमान वित्तीय वर्ष में या भविष्य में स्वीकृति नहीं देने संबंधी आदेश जारी किए हैं, ऐसा राज्य की उच्च शिक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ है तथा यह उच्च शिक्षा, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं बेरोजगार युवाओं के साथ गंभीर मजाक है। बिना पदों की स्वीकृति के ये महाविद्यालय कैसे चलाए जाएंगे, विश्वविद्यालय से इनकी संबद्धता के मानदंड कैसे पूरे किए जाएंगे, शिक्षा की गुणवत्ता का क्या होगा, इसकी चिंता किए बिना महाविद्यालय खोल दिए गए हैं ।प्रदेश महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि बिना शिक्षक के और भवन के महाविद्यालय चलाने की इस व्यवस्था राज्य की उच्च शिक्षा क्षेत्र में नई गिरावट लाएगी । सरकार ने 37 नए महाविद्यालय खोलने के साथ पहले से चल रहे महाविद्यालयों में 10 नए विषय स्नातक स्तर पर, 7 विषय स्नातकोत्तर स्तर पर खोलने एवं 10 स्नातक महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर क्रमोन्नत करने के आदेश जारी किए हैं लेकिन इनके लिए भी किसी तरह की मानवीय अथवा भौतिक संसाधन की वित्तीय स्वीकृति देने यह तो मना कर दिया है। यहां तक कि इस हेतु कोई अतिरिक्त फर्नीचर, ऑफिस व्यय, बिजली,-पानी का खर्च आदि भी देय नहीं होगा । अभी तक जो नए कॉलेज खोले गए थे उनमें कम से कम पदों की वित्तीय स्वीकृति तो जारी हुई थी। आज नहीं तो दो-चार साल बाद भरेंगे इसकी उम्मीद तो बाकी बचती थी । अब इस आदेश का मतलब है बिना शिक्षक के और बिल्डिंग के कॉलेज चलाए जा सकेंगे। रुक्टा (राष्ट्रीय) ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन प्रावधानों और शर्तों को हटाते हुए समुचित संख्या में पद सृजन करने एवं अन्य ढांचागत सुविधाओं की वित्तीय स्वीकृति जारी करने की मांग की है।