ताजा खबरे
00 15 22 3346607gajiyabad गाजियाबाद में मौत का तांडव, दो दर्जन मरे Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
Share This News

Tp न्यूज़। गाजियाबाद के संगम विहार कॉलोनी में रहने वाले जयराम के अंतिम संस्कार के लिए बंबा रोड श्मशान में उमड़े परिजन, पड़ोसी और रिश्तेदारों को दाह संस्कार कराने वाले पंडित जी उपदेश कर रहे थे। वह बताने वाले थे कि कि सोमवार की सुबह आकर वह फूल चुन सकते हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने सभी को दो मिनट का मौन रखकर मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने को कहा और वह खुद चुप हो गए।जैसे ही दो मिनट का समय पूरा हुआ और उन्होंने ओम शब्द का उच्चारण किया, पीछे से लैंटर का प्लास्टर गिरा। इसे देखने के लिए लोग पीछे मुड़े ही थे कि आगे से लैंटर ही भरभराकर गिर पड़ा। इस हादसे के वक्त बरामदे में 60 से 70 लोग मौजूद थे। गनीमत रही कि इनमें से 12 से 18 लोग बाहर की तरफ थे और प्लास्टर गिरते ही पीछे हटकर बरामदे से बाहर हो गए। लेकिन मृतक जयराम के करीबी लोग जो अंदर की तरफ थे, उन्हें मौका ही नहीं मिला और वह मलबे की चपेट में आ गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि किसी को कुछ सोचने समझने का अवसर ही नहीं मिला। बल्कि यह पूरा घटनाक्रम महज 15 सेकेंड में हो गया और जो लोग खड़े होकर श्रद्धांजलि दे रहे थे, 15 सेकेंड के अंदर बरामदे मलबे के नीचे से जान बचाने के लिए चीख पुकार करने लगे।
पलक झपकते आंखों के सामने से गुजर गई मौत
हादसे के बाद संगम विहार कालोनी में ही रहने वाले अरुण (22) की बोलती बंद हो गई है। बड़ी मुश्किल से उसने बताया कि आज मौत से उसका साक्षात्कार हुआ है। बल्कि पलक झपकते ही मौत उसे थपकी देकर निकल गई। अरुण ने बताया कि हादसे के वक्त वह किनारे की तरफ खड़ी एक स्कूटी से सटकर खड़ा था। जैसे ही लैंटर गिरा, वह बैठ गया और उसे स्कूटी से उसे आड़ मिल गई। बावजूद उसकी रीढ़ की हड्डी में गहरी चोट आई है। अरुण ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तो एक बार उसे लगा कि अब खेल खत्म है और करीब एक मिनट तक उसकी चेतना गायब हो गई। जब होश आया तो जैसे तैसे रेंग कर वह बाहर निकला। उस समय तक चारो ओर चींख पुकार मचनी शुरू हो गई थी।


Share This News