ताजा खबरे
IMG 20241130 092518 राजस्थान में दौड़ेंगे चीते, ये स्थान चिन्हित, आमजन को नही खतरा Bikaner Local News Portal देश
Share This News

Thar पोस्ट न्यूज जयपुर। निकट भविष्य में राजस्थान आने वाले पर्यटक चीतों की दौड़ भी देख सकेंगे। राजस्थान में वन भ्रमण पर आने वाले सैलानी भी चीतों की सरपट दौड़ का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए एमपी और राजस्थान सरकार के बीच अगले महीने एमओयू साइन होने के बाद रणथंभौर में बाघों की दहाड़ के साथ ही चीतों की सरपट दौड़ भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेगी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के वन अधिकारी रणथंभौर के एक होटल में जुटे तथा चीता कॉरिडोर विकसित करने को लेकर मंथन किया।

चीता कॉरिडोर विकसित करने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा के क्रम में चीता अलर्ट की फिजिब्लिटी स्टडी, टयूरिज्म की संभावना कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ दी फ्रंट लाइन स्टॉफ हेविटेट एम्प्रूवमेंट में किए जाने वाले कार्यों के लिए एमपी, राजस्थान के वन अधिकारियों की यह संयुक्त बैठक हुई। फिजिबिल्टिी स्टडी वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के माध्यम से कराई जाएगी। एमओयू के लिए राज्य सरकार ने जो घोषणा की है, उसके लिए अतिशीघ्र ही दोनों राज्यों के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालकों द्वारा अगले माह में हस्ताक्षर कर दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी चीता लैंड स्केप की तैयारी हो रही है, जो कि राजस्थान में काफी बड़े भू भाग में होगा। आमजन को इसके लिए भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि चीते से आज तक किसी मनुष्य की मौत की रिपोर्ट नहीं है। 


मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक एमपी के अनुसार चीता कॉरिडोर में एमपी के 13 जिले आ रहे हैं। इसमें राजस्थान से लगे क्षेत्र रतलाम से मुरैना जिला तक कॉरिडोर डवलप होगा। इस पर चर्चा हुई कि दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से कहां-कहां टूरिज्म विकसित कर सकते हैं। चम्बल वाला क्षेत्र, रणथंभौर और कूनो के बीच वाला क्षेत्र है, जिस पर भी योजना बनाकर काम करेंगे। अगले महीने में दोनों राज्यों के बीच होने वाले एमओयू के बाद इसे शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। इसके लिए दोनों प्रदेशों के वन अधिकारियों को ट्रेनिंग आदि भी दी जाएगी। 


Share This News