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IMG 20241023 101608 59 अलबेला बीकानेर शहर : पर्यटकों ने कहा 'लाइव म्यूजियम' Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय, पर्यटन
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Thar पोस्ट। किसी बड़े शहर में सैर-सपाटे के लिए जाते हैं तो वहां प्रमुख स्थलों में वहां के म्युजियम को अवश्य देखते हैं। वहां पर्यटकों का जमघट भी इसलिए लगता है, क्योंकि उस म्युजियम में उस शहर के इतिहास और बहुत सी अन्य बातों की जानकारी दी जाती है

IMG 20241121 094043 अलबेला बीकानेर शहर : पर्यटकों ने कहा 'लाइव म्यूजियम' Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय, पर्यटन

राजस्थान का एक शहर लाइव म्युजियम की तरह है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के एक अनूठे शहर बीकाने में यदि आप भ्रमण के लिए निकलेंगे तो आपके जेहन में वैसी ही तस्वीरें दौड़ेंगी जैसी कि किसी लाइव म्युजियम को देखने के दौरान उभरती है। बीकानेर आने वाले अधिकांश पर्यटक इसे लाइव म्यूजियम बताते है।

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बीकानेर शहर अपने पुराने इतिहास को समेटे हुए हैं

किसी जमाने में इसे ऊंटों वाला देश भी कहा जाता था। आप इस अलबेले शहर के भीतरी परकोटे में भ्रमण के लिए निकलेंगे तो आपकों ऐसा अहसास होगा कि यहां एक नई दुनिया है। यहां कहीं लकड़ी के बने पाटे हैं जहां लोग आपस में घंटों तक बातों में मशगूल रहते हैं  कहीं व्यक्ति आपको चूड़ी बनाने में भी मशगूल दिखेगा। राजनीति, देश, प्रदेश, घर, समाज सभी मुद्दों पर चर्चा करते लोग यहां मिल जाते हैं। जितने चौक-मोहल्ले है यहाँ है उतने ही पाटे हैं। किसी चौक में एक से अधिक पाटे भी है। न केवल पुरुष बल्कि यहां महिलाएं भी पीछे नहीं है। सभी सामाजिक गतिविधियों में आगे रहती है। सांझ ढलने पर यहां पुरानी गलियों में बनी चौकियों पर महिलाएं आपस में बतियाती मिल जाएगी।

इस शहर के एक हिस्से में ठंठेरा बाजार है जहां दिनभर लोहा पीटने की खटखट, दूर तक पसरी शान्ति को भंग करती है। मैने अनेक बार देश-विदेश से यहां आए सैलानियों से कई बार बातचीत की। इन पर्यटकों का कहना था कि परकोटे की गलियां, दुकानें, आपस में बतियाते लोग, एक गली से दूसरी गली में प्रवेश, छोटे-बड़े मकान, घरों में प्रवेश के दरवाजे, जाली-झंरोखे, पान की दुकानें सभी कुछ ऐसा था जो हम पुरानी कहानियों या किस्सों में देखते आए हैं। घर के आगे छोटी सी चौकी उस पर सब्जी की दुकान। अनेक ऐसे दृश्य थे जो दिल को छू गए।

बीकानेर शहर की तासीर ही ऐसी है कि सैंकड़ों वर्ष बाद भी यह शहर लोगों को रिझाता है। यहां से अनेक लोग कोलकाता, दिल्ली, सूरत, मुम्बई से लेकर अमरीका, लंदन, ऑस्टे्रेलिया, फ्रांस सहित अन्य देशों में बस चुके हैं, लेकिन यह शहर और यहां की यादें लोगों को रिझाती है।

बीकानेर के परकोटे में बसा यह शहर अपने आप में धरोहर है। यहां छोटे-छोटे चौक मोहल्ले भी परिवार की तरह है, एक दूसरे से बतियाना, उत्सवों में शरीक होना,  यहां के प्रचलित मिठाई-नमकीन में साझेदारी रखना यहां का शगल है। खास बात यह है कि लोग यहां एक दूसरे की आर्थिक स्थिति पर अधिक गौर नहीं करते, बस प्रेम और सौहार्द पर विश्वास रखते हैं। पाटे देर रात तक गुलजार रहते हैं दूध और पान की दुकानें देर रात खुली रहती है। होली पर लोक नाट्य रम्मतों से बीकानेर की विशेष पहचान है। यहां आपको देर रात में भी लोग मिल जाएंगे तो अलसुबह मन्दिरों में घंटी की आवाजें सुनाई देगी। *जितेंद्र व्यास


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