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IMG 20241101 132226 घोड़ी कूदी और पासों का खेला : सैंकड़ो वर्षों से बीकानेर में जुए की भी परम्परा Bikaner Local News Portal देश
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Thar पोस्ट। बीकानेर में दीपावली पर सैकड़ों वर्षों से परम्परा के नाम पर जुआ खेला जाता है। परकोटे में इसे शगुन माना जाता है। हालांकि दीपवाली के अगले दिन सन्नाटा पसर जाता है। केवल परम्परा के तौर पर जुआ खेलने वाले इतने शातिर है कि एक आंख पैसों और खेल पर तो दूसरी आंख पुलिस की और रहती है। जुआ खेलते समय अगर गलती से भी पुलिस आ जाए तो जुआरी रफ्फू चक्कर हो जाते है। शहर के अलग-अलग स्थानों पर बैंक, फर्री, माताजी और पासों पर खेल जारी है। खिलाड़ी अलसुबह से देर रात तक -खेलो है क्या ? की आवाज देते हुए ही दिखाई देते हैं। दीपावली से करीब एक सप्ताह पहले ही यह जुआ शुरू हो जाता है  ईमानदारी के साथ जुआ खेला और खिलाया जाता है लेकिन केवल दीपावली तक। बाकायदा इसके लिए एक कैशियर भी पैसों का लेनदेन करताा है। हालांकि पुलिस को इस जुए की जानकारी होती है लेकिन परंपरा के नाम पर चलने वाले इस जुए को लेकर कोई कार्रवाई नही होती।


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