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IMG 20241007 WA0345 मानसिक स्वास्थ्य पर पैरामेडिकल स्टूडेंट्स से किया संवाद Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग, पी.बी.एम. चिकित्सालय बीकानेर द्वारा आयोजित सात दिवसीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के चौथे दिन दिनांक 07.10.2024 को सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज व राजकीय नर्सिगं कॉलेज बीकानेर में मेडिकल स्नातक विद्याथियों, नर्सिंग व पैरामेडिकल छात्रों के साथ संवाद सत्र का आयोजन किया गया। सत्र में विभाग के आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ० हरफूल सिंह, सहायक आचार्य डॉ० ज्योति चौधरी, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल, रेजिडेन्ट डॉ० पवन सारस्वत, नर्सिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य घनश्याम नर्सिंग ऑफिसर राजीराम व एनएमएचपी के सी.आर.ए. विनोद पंचारिया उपस्थित रहे।

छात्रों से संवाद करते हुए डॉ० हरफूल सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में मानसिक रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। युवा पीढी विशेषकर छात्रों में डिप्रेशन, अनिद्रा, अवसाद, नशाखोरी, आपराधिक प्रवृत्ति और आत्महत्या जैसे मामले काफी बढ़ रहे हैं। जिसका मुख्य कारण भौतिकवादी जीवन शैली, अपौष्टिक आहार, शारीरिक श्रम का अभाव हैं।

डॉ० हरफूल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन गेम्स व सट्टों के भंबरजाल में इस कदर फंस चुका है कि अपना मानसिक एवं आर्थिक नुकसान कर रहा है जिसके कारण तनाव, अनिद्रा, अवसाद से ग्रसित होकर नशे और अपराध की तरफ आकर्षित हो रहा है। आजकल स्कूल से लेकर कॉलेज के छात्र गांजा, अफीम, स्मैक, एम डी आदि जैसे जानलेवा नशों व अपराध की दुनिया में उतरकर अपना, अपने परिवार, समाज व राष्ट्र को भारी क्षति पहुंचा रहा है।

डॉ० ज्योति चौधरी ने बताया कि वर्तमान प्रतिस्पर्धी युग में बच्चों में परीक्षा में फेल होने, ब्रेकअप होने, अत्यधिक खर्धालू प्रवृति व आर्थिक कर्ज से उत्पन्न विषम परिस्थिती से संघर्ष करने का मनोबल खो बैठते हैं फलस्वरूप इन सब परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए आत्महत्या करने जैसे विभत्स कदम भी उठाने लगे है। उन्हें लगता है कि आत्महत्या करने से समस्त परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी जबकि ऐसा कृत्य करने से परिवार व समाज को गम्भीर संकट में डाल देते हैं।

डॉ० अन्जू ठकराल ने बताया कि सर्दी, जुकाम, बुखार व अन्य बीमारियों के तरह ही मानसिक रोग भी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है। इसे उचित उपचार, काउंसलिंग, योगा मेडिटेशन, सामाजिक-धार्मिक प्रवृति से रोगी पूर्णरूपेण स्वस्थ होकर समाज की मुख्य धारा में पुनः शामिल हो सकता है।

नर्सिंग प्रधानाचार्य ने मोबाइल के सीमित प्रयोग, स्वस्थ जीवन शैली व आवश्यकता अनुसार उपचार हेतु छात्रों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के अन्त में विनोद पंचारिया ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

अन्य कार्यक्रम के तहत नारी निकेतन एवं सेवा आश्रम में शिरकत करते हुए डॉ० ज्योति चौधरी ने लावारिस बच्चों, महिलाओं तथा सेवा आश्रम में रहने वाले विमंदित बच्चों के उचित रख-रखाव व उनकी परिचर्या के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन देते हुए उनके साथ स‌द्भावना पूर्वक व्यवहार करने हेतु प्रेरित किया।


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