Thar पोस्ट। राजस्थान में सार्वजनिक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को नोटिस भेजकर 10 दिन में जवाब मांगा गया है। दरअसल, कागजों में ही करोड़ों रुपये की सड़कें बन गई है। वास्तव में ये सडकें बनी ही नहीं। अब इसकी हकीकत एक-एक करके सामने आने लगी है। राज्य के केवल धौलपुर जिले में ही पीडब्ल्यूडी के आधा दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों को सरकार की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं। प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आचार संहिता से ठीक पहले ठेकेदारों को सड़कों की रिपेयर के लिए जो करोड़ों रुपये के ठेके आनन-फानन में जारी किए गए थे, वे सड़कें धरातल पर आई ही नहीं। कागजों में बनी इन सड़कों का इंजीनियरों ने वेरिफिकेशन भी कर दिया और ठेकेदारों को करोड़ों रुपये के भुगतान भी कर दिए गए, अब मामले में पीडब्लूडी मंत्री के निर्देश पर कई इंजीनियरों को नोटिस जारी किए गए हैं।
जानकारी के अनुसार धौलपुर जिले में दर्जन भर से ज्यादा सड़क प्रोजेक्ट हैं, जिनके वर्क ऑर्डर अगस्त 2023 में जारी किए गए और मई 2024 में उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर ठेकेदारों को भुगतान कर दिए गए। धौलपुर नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन ने भी इस मामले जुड़ी एक शिकायती चिट्ठी सीएम भजनलाल शर्मा व पीडब्लूडी मंत्री दीया कुमारी को लिखी है। जिसमें कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने बिना सड़क बने ही ठेकेदारों को भुगतान कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत धौलपुर कलेक्टर को भी की। इसके बाद सरकार ने सड़कों की जांच के लिए एक सतर्कता जांच दल को भी मौके पर सड़कों के निरीक्षण के लिए भेजा लेकिन जांच के बाद भी वह रिपोर्ट बाहर नहीं आई।
विभाग की तरफ से धौलपुर वृत्त के एक्सईएन, एईएन, जेईएन सहित करीब 8 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस 10 जुलाई को ही जारी किए गए हैं। इसमें 10 दिन में इनसे जवाब मांगा गया है। इसके बाद विभाग अपनी कार्रवाई शुरू करेगा। राजस्थान में बनी सड़कों की गुणवत्ता की भी जांच किये जाने की जरूरत है।