Tp न्यूज़। राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के लिए गत 4 दशको से समर्पित संस्था प्रज्ञालय एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा अहिंसात्मक तरीके से राजस्थानी मान्यता आंदोलन के तहत विभिन्न चरणों में समय समय पर जिला, संभाग, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तरीय आयोजन कर राजस्थानी की दूसरी राजभाषा, शिक्षा का माध्यम एवं संविधान की 8वीं अनुसूची के तहत संवैधानिक मान्यता के लिए जन-जन समर्थन प्राप्त किया है। इसी कड़ी के तहत आज राजस्थानी के महान पूरोधा डॉ. एल.पी. टैस्सीटोरी की 133 वीं जंयति पर आयोजित तीन दिवसीय ‘‘ओळू समारोह’’ के प्रथम दिवस का आगाज राजस्थानी मान्यता एवं शिक्षा के माध्यम हेतु एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय उपवास सफल रहा।एक दिवसीय उपवास बाबत राजस्थानी के कवि-कथाकार एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने बताया कि पूरे देश के करीब-करीब राज्यों एवं भारतीय भाषाओं के साहित्यकार एवं विभिन्न कलाओं के गणमान्य राजस्थानी समर्थर्को ने उपवास रख राजस्थान सरकार से मांग कि है कि राजस्थानी को शीध प्रदेश कि दूसरी राजभाषा एवं शिक्षा का माध्यम बनाऐ ताकि करोड़ो लोगो कि जनभावना एवं अस्मिता कि रक्षा हो सके।सहयोगी संस्था शबनम साहित्य परिषद् सोजत सिटी के अध्यक्ष प्रबंध निर्देशक एवं इस तीन दिवसीय समारोह के प्रभारी अब्दुल समद राही ने बताया कि आज के राष्ट्रीय स्तरीय उपवास कर राजस्थानी कि मांग का पूर्ण समथ र्न करते हुए देश एवं प्रदेश के इन सैकड़ो राजस्थनी समर्थकों ने उपवास रखा उसमें प्रमुख है सूर्य नारायण गुप्त सूर्य, हाजी अयुब सादिक, हबीब जमा खा अनुरागी, सुनीता शर्मा, नारायणदास, इंद्रेश्वरी वल्लभ पंत, जगदीश चंद्र वर्मा, डॉ सुशील कुमार पांडे सहित्यतेन्दू, डॉक्टर नौशाद सुहेल, डॉक्टर फखरे आलम खान, गोकुल प्रसाद जाटव, कटनी प्रोफेसर दिवाकर दिनेश गौड़, के एल दीवान, गाफिल स्वामी, इगलास, श्रीमती शुक्ला चौधरी, खुर्शीद शेख खुर्शीद, किशन कबीरा, राजबाला राज, महताब आजाद, डॉ कृष्णा जैमिनी, प्रकाश व्यास, डॉ. प्रियका डॉ.प्रियका-विनय पुरोहित, जोधराज, राजा चौरसिया,राहिला रईस, लहरी राम मीणा, अमरिंदर सिंह, सैयद हसन अली, सीताराम शेरपुरी, शमा द्विवेदी महेश सक्सेना, हेमलता दाधीच, डॉ सरोज गुप्ता, पुष्पा जोशी प्राकाम्य, जे. अरूण व्यास, नरेन्द्र आचार्य, विजय लक्ष्मी, दिलीप सिंह (हरप्रित), इंजि. सुमित रंगा राहुल आचार्य हरि नारायण आचार्य, अशोक शर्मा, भवानी सिंह, विक्रम सिंह, श्रीमती विभा, श्रीमती साधना, श्रीमती सुषमा, श्रीमती मीना, श्रीमती नीकिंता, डॉ. चारूलता, पूनीत कुमार रंगा, जगदीश, एडवोकेट महावीर सांखला, राजेश गुप्ता, आंनद गौड, पवन पहाडि़या, सरजित सिंह, अरविंद ऊभा सहित समाज के सभी वर्गो के गणमान्य एवं महिलाओं के साथ-साथ छात्र एवं छात्राओं का भी व्यापक समर्थन मिला। आज 13 दिसम्बर वार रविवार को प्रातः 10ः30 बजे डॉ. एल.पी. टैस्सीटोरी की समाधि स्थल पर संस्था द्वारा पुष्पाजंलि शब्दाजंलि का आयोजन संस्था द्वारा रखा गया है।