Thar पोस्ट न्यूज बीकानेर। बीकानेर पश्चिम विधायक श्री जेठानंद व्यास ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि से मुलाकात की। इस दौरान श्री व्यास ने 18 फरवरी को होने वाले पुष्करणा सावा ( ओलंपिक) में बिजली, पानी, यातायात, चिकित्सा व सुरक्षा इत्यादि को लेकर व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने को लेकर चर्चा की। साथ ही श्री व्यास ने जिला कलेक्टर को पुष्करणा सावा में आने हेतु आमंत्रित भी किया। इस दौरान विधायक के साथ श्री जे पी व्यास, श्री वीरेन्द्र किराडू, श्री शिव शंकर व्यास, श्री अनिल पुरोहित, श्री प्रेम शंकर रंगा, श्री रामचंद्र ओझा इत्यादि भी उपस्थित रहे।
विवाह गीत’ पुस्तक का लोकार्पण
गीत हमारी सास्कृतिक धरोहर
बीकानेर।पुष्करणा सावे के अवसर पर रमक झमक के प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ द्वारा संकलित व सम्पादित पुस्तक ‘रमक झमक विवाह गीत’ का रमक झमक मंच पर पूर्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला, राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी अध्यक्ष शिवराज छंगाणी, पुजारी बाबा, श्रीमती रामकँवरी ओझा, लक्ष्मी ओझा, प्रेम छंगाणी, एवं अविनाश आचार्य ने किया। इस अवसर पर डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि पुष्करणा ब्याव पर गाए जाने वाले गीत हमारी सास्कृतिक धरोहर है। कल्ला ने कहा कि यहां हर रस्म व परम्पराओं पर गीत गाए जाते है और उन गीतों की स्वर लहरियां सुनकर दूर से अनुमान भी लगाया जा सकता है कि ब्याव की किस परम्परा का निर्वहन हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘म्हारे मगरे रा मूंग मंगाओ ए म्हारी पीठी सुगन मनाओ ए’ इसे सुनने मात्र से पता चल जाता है ब्याव में हल्दी पीठी की रस्म चल रही है। शिवराज छंगाणी ने कहा कि ‘ रमक झमक विवाह गीत’ एक महताऊ पुस्तक है जिसमें जिसकी स्वयं मैंने परख लिखी है इसमें शामिल कई गीत जैसे ‘सोबेला’ व सुता सेण’ आदि ऐसे है जो अब लगभग लुप्त हो रहे है ऐसे इसमें शामिल होना यह दर्शाता है कि इसके लेखक प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने खूब मेहनत की है।यह ऐतिहासिक पुस्तक होगी।।पुजारी बाबा ने कहा कि छोटुलालजी ओझा ने सावा पर जो काम किया उनके पुत्र इसको कई गुना आगे बढ़ा रहे है। विवाह गीत की यह पुस्तक वर्तमान और आगे की पीढ़ियों के लिये खूब उपयोगी होगी। इस अवसर पर पुस्तक के संकलनकर्ता व सम्पादक प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने कहा कि पुस्तक में गीतों का संग्रह विगत कई सालों से किया जा रहा है । कई गीत मेरी 80 वर्षीय माताजी व गीत गायिका भली बाई आदि ने गाकर सुनाए उनको हूबहु वैसे ही लिखा गया है। रमक झमक के राधे ओझा ने बताया कि पुस्तक एमेजॉन पर भी उपलब्ध हो सकेगी।
समारोह की अध्यक्षता वयोवृद्ध श्रीमती रामकंवरी ओझा ने। अतिथियों का तिलक श्रीमती गायत्री व रिंकु ओझा ने किया। नवीन बोड़ा ने साफा बाधा।
18 फरवरी को नौरंग ( यश ) व्यास 2100 लोगों को बांधेंगे साफे और पगड़ी लगातार 12 घंटे।पुष्करणा ओलंपिक सावे पर हर कोई अपनी ओर से सेवा कार्य कर रहा है इसी क्रम में पुष्टिकर सेवा समिति के बैनर चले नौरंग व्यास(यश टर्बन)द्वारा पुष्करणा स्टेडियम के पास कैंप लगाकर निशुल्क साफा बांधने की सेवा दी जाएगी समय सुबह 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक रखा गया है ।
पंडित शिवकिशन जी रंगा परिवार के यश व्यास द्वारा लगातार 12 घंटे तक साफा बांधने का और 2000 से ऊपर साफे – पगड़ी बांधने का रिकॉर्ड बनाने का दावा किया गया है ।
पारंपरिक ‘ब्याव रा गीत’ लाँच
बीकानेर.पुष्करणा सावा पर विवाह के वर्षों पुराने पारंपरिक मांगलिक गीत यू ट्यूब पर लांच किए गए है। पुष्टिकर सावा समिति की ओर से गोकुल सर्कल स्थित सूरदासाणी बगीची परिसर में आयोजित कार्यक्रम में विधायक जेठानंद व्यास ने यूं ट्यूब चैनल के माध्यम से ‘ब्यांव रा गीत’ लांच किए। इस अवसर पर विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि पुष्करणा सावा प्राचीन परंपरा है। सावे की प्रत्येक मांगलिक परंपरा से जुड़े मांगलिक गीत हमारे जीवन में रचे बसे है। लोक संगीत संस्थान द्वारा लोक गायिका सुधा आचार्य के निर्देशन में इनको संगीतबद्ध कर प्रदेश, देश और विदेश तक पहुंचाने का यह प्रयास श्रेष्ठ है। इसके लिए लोक संगीत संस्थान, गीतों के संग्रहकर्ता, गायिकाएं व जुड़े सदस्य साधुवाद के पात्र है। उन्होंने कहा कि पुष्करणा सावा पर 18 फरवरी के दिन विवाह करने वाले पुष्करणा सावा समिति में पंजीकृत कन्याओं को ये पारंपरिक गीत पेन ड्राईव में अपलोड कर प्रदान किए जाएंगे। समिति के वीरेन्द्र किराडू ने कहा कि यह समय की मांग है कि हम संस्कृति का संरक्षण करें व आगे बढ़ाए,इसमें सुधा आचार्य की पहल सार्थक है। समिति संयोजक जे पी व्यास ने कहा कि संस्कृति को संरक्षित करने में महिलाओं ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। मांगलिक गीतों को संरक्षित करने में सुधा आचार्य व उनकी टीम ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। इस अवसर पर साहित्यकार, समाज सेविका सुधा आचार्य, पार्षद ने कहा कि समाज सेवी राजेश चूरा के सहयोग से विवाह के 26 गीतों को लांच किया गया है जिनमें गजानंद, घोड़ी, बन्ना,बन्नी,पीठी, मायरा,बधावा,
कंवळा,ताळोटो सगा-सगी सहित अनेक गीतों का समावेश है।इन गीतों को स्वरबद्ध करने में आकाशवाणी से चयनित लोक गायिका सुधा आचार्य,पद्मा व्यास, राज भारती शर्मा, अनुराधा पारीक, अंशु भारती, शोभा व्यास, मीना रंगा, मनीषा पुरोहित का सक्रिय सहयोग रहा है। कार्यक्रम में प्रेम कुमार व्यास, शिवराज व्यास, प्रेम शंकर रंगा, मुरली व्यास, रामनाथ व्यास सहित समाज के लोग उपिस्थत रहे।