TP न्यूज़। राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व को समर्पित महान मौन साधक डॉ. लुईजि पिऔ टैस्सीटोरी (एस.पी. टैस्सीटोरी) की 101वीं पुण्यतिथि आज प्रात: उनके समाधि स्थल पर गत 40 वर्षों की निरन्तरता में प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि का आयोजन वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब की अध्यक्षता मेंं रखा गया।इस अवसर पर डॉ. टैस्सीटोरी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर कवि-कथाकार कमल रंगा के शोधपूर्ण आलेख का वाचन संस्था प्रतिनिधि हरिनारायण आचार्य ने किया। इससे पूर्व कोरोना एडवाइजरी अनुसार पहले कमल रंगा की ओर से समाधि पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर नमन किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष शायर जाकिर अदीब ने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी बहुभाषी, महान विद्वान और राजस्थानी भाषा मान्यता के प्रबल समर्थक थे। हरिनारायण आचार्य, तोलाराम सारण, अशोक शर्मा, तेजश आचार्य, कृष्णकांत व्यास, चम्पालाल, सुनील चौहान, वसुंधरा आचार्य, जेठाराम, मुन्नासिंह, विक्रम सिंह, सतीश, मनीष पुरोहित, जगदीश चौधरी, किसन सांखला सहित अनेक संस्था प्रतिनिधियों ने डॉ. टैस्सीटोरी को शब्दांजलि देते हुए उन्हें राजस्थानी सच्चा सपूत बताया एवं उनके कार्यों को रेखांकित किया।
कमल रंगा के वाचित पत्रवाचन के माध्यम से डॉ. टैस्सीटोरी को राजस्थानी का अमर-साधक बताते हुए युवा पीढ़ी को उनसे अपनी मातृभाषा एवं अपनी संस्कृति से गहरे तक लगाव रखते हुए समर्पित रहना चाहिए।
पुष्पांजलि-शब्दांजलि के साथ ही समाधि-स्थल की सुरक्षा, सौन्दर्य एवं पर्यटन के हिसाब से विकसित करने की मांग संस्था द्वारा पुन: रखी गई।
संस्था के हरिनारायण आचार्य ने बताया कि इस मौके पर संस्था द्वारा डॉ. टैस्सीटोरी की 101वीं पुण्यतिथि पर संस्था द्वारा तीन दिवसीय नमन का आयोजन किया जा रहा है।
आचार्य ने बताया कि इसी क्रम में २३ नवंबर को एक राष्ट्रीय ई-परिसंवाद ‘डॉ. टैस्सीटोरी और राजस्थानी भाषा Óका आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतिम दिन २४ नवंबर को युवा पीढ़ी को कोरोना एडवाइजरी अनुसार ऑनलाइन ‘प्रदेश की दूसरी राजभाषा एवं शिक्षा का माध्यम शीघ्र होÓ का संकल्प दिलाया जाएगा।
आज के ‘पुष्पांजलि-शब्दांजलि Óकार्यक्रम का सफल संचालन हरिनारायणआचार्य एवं विक्रम सिंह ने संयुक्त रूप से किया।